वामपंथी उग्रवाद के खिलाफ अंतिम चरण में लड़ाई, मार्च 2026 तक देश को पूर्णतया नक्सल समस्या से मुक्त कर पाएंगे: अमित शाह - Union Home Minister Amit Shah
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने नक्सल समस्या पर रायपुर में बड़ा बयान दिया. उन्होंने कहा कि "वामपंथ उग्रवाद से हमारी लड़ाई अंतिम चरण में है. मार्च 2026 तक देश को हम पूर्णतया नक्सल समस्या से मुक्त कर पाएंगे." fight against left wing extremism in final stage
नक्सल प्रभावित राज्यों की अंतरराज्यीय समन्वय समिति की बैठक (ETV BHARAT)
नक्सलवाद पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का बड़ा बयान (ETV BHARAT)
रायपुर: शनिवार को रायपुर में नक्सल प्रभावित राज्यों की अंतरराज्यीय समन्वय समिति की बैठक हुई. केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने इस बैठक की अध्यक्षता की. इस मीटिंग में सभी राज्यों के डीजीपी और चीफ सेकेट्री बुलाए गए.
नक्सलवाद पर अब अंतिम प्रहार का वक्त: रायपुर में नक्सल समस्या पर अहम बैठक लेने के बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बड़ा ऐलान किया है. केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि ''नक्सलवाद की लड़ाई अंतिम चरण है. मार्च 2026 तक नक्सल समस्या से देश को पूरी तरह मुक्त कर पाएंगे. इसके साथ ही अमित शाह ने कहा कि वामपंथी उग्रवाद लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए सबसे बड़ा चैलेंज, अब अंतिम प्रहार का वक्त है.''
नक्सलवाद लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए बड़ा चैलेंज: मीटिंग के बाद प्रेस कांफ्रेंस में अमित शाह ने कहा कि ''अब समय आ गया है कि वामपंथी उग्रवाद की समस्या पर मजबूत रणनीति के साथ अंतिम प्रहार किया जाए.'' अमित शाह ने कहा कि ''वामपंथी उग्रवाद हमारे देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए सबसे बड़ा चैलेंज है. विगत 4 दशकों में वामपंथी उग्रवाद की वजह से करीब 17 हजार लोगों की जान गई है.''
दस साल में टॉप 14 नक्सली कमांडर ढेर: अमित शाह ने कहा कि" साल 2014 से 2024 में सबसे कम वामपंथी उग्रवादी घटनाएं हुईं हैं. टॉप 14 नक्सली कमांडर मारे गए. लोगों का विश्वास भी हमने हासिल किया. हमने नक्सल प्रभावित क्षेत्र में रुल ऑफ लॉ स्टेबलिश करने का प्रयास किया है. विनाश की वजह से बनी खाई को भरकर विकास कर रहे हैं. बिहार, झारखंड, ओडिशा, आंध्रप्रदेश, तेलंगाना, महाराष्ट्र का एक जिला छोड़कर नक्सल समस्या से सभी राज्य मुक्त हुए हैं. यह भारत सरकार का बहुत बड़ा अचीवमेंट है."
नक्सलवाद पर लगातार प्रहार जारी: अमित शाह ने कहा कि" साल 2004 से 2014 तक 16 हजार से ज्यादा नक्सल घटनाएं हुई. 2014 से 2024 तक 53 फीसदी नक्सली वारदातों में कमी आई है. नक्सली घटनाओं में मरने वालों की संख्या 70 फीसदी तक घटी है. सुरक्षा बलों के जवानों की नक्सल घटनाओं में मौत की घटनाओं में 73 फीसदी की कमी आई है. आम नागरिकों के हताहत होने की संख्या में 69 फीसदी की कमी आई है. थानों की संख्या 565 तक पहुंच गई है. 2010 के अधिकतम मृत्यु दर 2023 में 138 तक सीमित हुआ है. सीएएफ के नए कैंप बनाए गए हैं."
वामपंथ उग्रवाद के फंड पर हुआ प्रहार: अमित शाह ने मीडिया को जानकारी देते हुए कहा कि" वामपंथ उग्रवाद को मिलने वाले फंड पर करारा प्रहार किया गया है. इसमें ईडी ने भी अहम भूमिका निभाई है. वामपंथ से निपटने के लिए हवाई मोर्चे का सहारा लिया जा रहा है. 90 फीसदी नक्सल समस्या छत्तीसगढ़ में है. जिस पर हमारी नई सरकार ने काम किया है. मैं सीएम और डिप्टी सीएम को बधाई देता हूं. 179 नक्सलियों का खात्मा हुआ है. हिड़मा के गांव में हमारे डिप्टी सीएम और गृह मंत्री जाते हैं और लोगों को आधारभूत सुविधाओं से जुड़े दस्तावेज देते हैं तो काफी खुशी होती है. बस्तर के चांदामेटा और सुकमा के 6 गांवों में पहली बार लोगों ने मताधिकार का प्रयोग किया है. यह लोकतंत्र की विजय है."
नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में हो रहा आधारभूत संरचना का विकास: अमित शाह ने आंकड़े गिनाते हुए नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में विकास का दावा किया है. उन्होंने कहा कि" आज हमारे सीएपीएफ के जवान नक्सलियों का सामना करने के साथ साथ ही विकास के कार्यों को भी निभाने का काम कर रहे हैं. भारत सरकार ने वामपंथ प्रभावित क्षेत्रों में 21 हजार करोड़ रुपये आधारभूत संररचना को विकसित करने में लगाए हैं. सड़क संपर्क का कार्य भी तेजी से हो रहा है. 25 नक्सल प्रभावित जिलों में 2700 बैंक खोले गए हैं और एटीएम सुविधा को बढ़ाया गया है. हर तीन किलोमीटर में डाकघर खोला गया है. इन क्षेत्रों में पहली बार बैंक एटीएम और पोस्ट ऑफिस यहां पहुंचा है. आईटीआई केंद्र भी यहां तेजी से खोले जा रहे हैं. कौशल विकास के क्षेत्र में भी हम लगातार आगे बढ़ रहे हैं."
अमित शाह ने दावा किया है कि वामपंथ उग्रवाद के खिलाफ देश में लड़ाई अंतिम चरण में है. हमारे सुरक्षाबलों के जवान लगातार नक्सलियों पर प्रहार कर रहे हैं. ऐसे में साल 2026 के मार्च तक हम देश से नक्सलवाद को पूरी तरह खत्म कर पाएंगे. अमित शाह ने रायपुर में 'नए भारत का नया कानून' पुस्तक का विमोचन किया. यह पुस्तक '2023 के नए आपराधिक कानून' का छत्तीसगढ़ की छह प्रमुख स्थानीय भाषाओं हल्बी, गोंडी, भतरी, कुडुख, छत्तीसगढ़ी और हिंदी में रूपांतरित संस्करण है. इस पुस्तक के विमोचन के दौरान सीएम साय और दोनों डिप्टी सीएम मौजूद थे.