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अब भोजपुरी में भी पढ़ पाएंगे कुरान, बिहार के मुरली श्रीवास्तव लगनता से कर रहे काम, लिखने से पहले बनाते हैं वज्जू - Quran in Bhojpuri - QURAN IN BHOJPURI

Murli Manohar Srivastava : आज पूरे देश में ईद धूमधाम से मनाया जा रहा है. मुस्लिमों के लिए अगर कोई सबसे महत्वपूर्ण स्थान रखता है तो वो है कुरान. अगर यही कुरान आपकी अपनी भाषा में मिल जाए तो फिर क्या कहने. जी हां कुरान जल्द ही अब आप भोजपुरी में भी पढ़ पाएंगे.

Murli Srivastava
Murli Srivastava

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Apr 11, 2024, 6:06 AM IST

मुरली मनोहर श्रीवास्तव से खास बातचीत.

पटना :मुस्लिम समुदाय का महाग्रंथ कुरान यूं तो फारसी भाषा में लिखा गया था. लेकिन, बाद के दिनों में इसका अनुवाद उर्दू, हिंदी, अंग्रेजी में हुआ. साथ ही अलग-अलग भाषाओं में भी इसका अनुवाद होता रहा. ताकि हर लोग इसकी आयतों के मतलब को आसानी से समझ सकें. बिहार के बक्सर जिले (डुमरांव) के रहने वाले मुरली मनोहर श्रीवास्तव ने फारसी के कुरान का अनुवाद भोजपुरी में करना शुरू कर दिया है.

भोजपुरी में कुरान का अनुवाद : कुरान को भोजपुरी में अनुवाद करने के पीछे मुरली मनोहर श्रीवास्तव का उद्देश्य यह है कि कुरान की आयतों को हर लोग आसानी से हर भाषा में समझ सकें. उनके मुताबिक कुरान का अनुवाद देश के सभी भाषाओं में हो चुका है लेकिन, भोजपुरी में कुरान अभी तक नहीं लिखा गया था इसलिए उन्होंने यह बीड़ा उठाया है.

भोजपुरी में कुरान का अनुवाद नहीं है :मुरली मनोहर श्रीवास्तव के मुताबिक, बिहार के अलावा भोजपुरी यूपी, मध्य प्रदेश, झारखंड सहित कई राज्यों में बोली और समझी जाती है. इसके अलावा मॉरीशस, वियतनाम सहित कई देशों में भी भोजपुरी काफी लोकप्रिय है, वहां पढ़ा और समझा जाता है. ऐसे में अब तक कुरान का अनुवाद भोजपुरी में नहीं हुआ था. इसलिए उन्होंने कुरान को भोजपुरी में लिखना शुरू किया है. अब तक आधी कुरान उन्होंने लिख ली है. उनके मुताबिक अगले ईद तक भोजपुरी में कुरान प्रकाशित कर दी जाएगी.

नियमों के मुताबिक लिखते हैं कुरान :भोजपुरी में कुरान लिखने से पहले मुरली मनोहर श्रीवास्तव काफी डरे हुए थे. लेकिन, उन्होंने हिम्मत किया कि किसी भी तरह से इस किताब को भोजपुरी में अनुवादित करेंगे. इस दौरान उन्होंने मुस्लिम धर्म गुरुओं से मुलाकात की, साथ ही कई मुसलमान लेखकों से भी इसकी चर्चा की. कुछ मुस्लिम मित्रों ने इनका उत्साहवर्धन किया, जिसके बाद भोजपुरी में कुरान का लेखन शुरू कर पाए.

''भोजपुरी में कुरान लिखने बैठते हैं तो पूरी तरह से अपने आप को शुद्ध करते हैं. वज्जू बनाते हैं उसके बाद किताब लिखना शुरू करते हैं. पिछले 27 सालों से लगातार रोजा रख रहे हैं. उन तमाम नियमों का पालन करते हैं जो अमूमन रोजे के दौरान एक आम मुसलमान करता है. इस रोजे से कुछ दोस्त मुझे मुरली खान भी कहते हैं.''- मुरली मनोहर श्रीवास्तव, लेखक

छठ भी पूरी श्रद्धा से करते हैं :ऐसा नहीं कि मुरली श्रीवास्तव सिर्फ रोजा रखकर मुस्लिम धर्म का पालन करते हैं. बल्कि लोक आस्था के सबसे महापर्व छठ भी बड़ी शिद्दत के साथ करते हैं. चार दिनों के इस अनुष्ठान को भी वो काफी नियम और शुद्धता से करते हैं.

वीर कुंवर सिंह की प्रेम कथा लिख कर विवादों में आए थे :मुरली मनोहर श्रीवास्तव खुद हिंदू है. लेकिन, उनकी आस्था सभी धर्म में है. इन्होंने अपनी पहली किताब काफी शोध करके प्रसिद्ध शहनाई वादक और भारत रत्न उस्ताद बिस्मिल्लाह खान के ऊपर लिखी थी. जो काफी लोकप्रिय हुई थी. इसके बाद वीर कुंवर सिंह की प्रेम कथा लिखकर विवादों में आए थे. वीर कुंवर सिंह के समर्थकों ने विरोध उत्पन्न कर दिया था. हालांकि जो उन्होंने किताब में लिखा था वह सब कुछ सच था इसलिए उनकी किताब प्रकाशित हुई थी.

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