मुंबई: देश की आर्थिक राजधानी मुंबई के गेटवे ऑफ इंडिया के बीच पर बुधवार को हुए बोट हादसे में 14 यात्रियों की जान चली गई. इस हादसे बाद बोट से यात्रा करने वाले लोगों की सुरक्षा को लेकर भी सवाल खड़े हो रहे हैं सवाल यह है कि, मुंबई से एलीफेंटा, मांडवा या अलीबाग जाने वाली यात्री नावों पर लोगों की सुरक्षा को लेकर किस तरह की व्यवस्था की गई है.
मुंबई पुलिस के मुताबिक, रेस्क्यू टीम ने 95 लोगों को बचा लिया है. 13 शवों की पहचान कर ली गई है. वहीं आज मिले शव के बारे में अभी स्थिति स्पष्ट नहीं हो पाई है. वहीं, इस हादसे में एक लापता बच्चे की तलाश जारी है. नौका पर 20 बच्चों सहित लगभग 110 यात्री सवार थे. मुंबई नाव हादसा से पहले अगर यात्रियों की सुरक्षा के बारे में सोचा गया होता तो दुर्घटना में होने वाले मानवीय क्षति की संभावना कम हो सकती थी. इस विषय पर 'नीलकमल' नाव से कुछ दूरी पर खड़ी अल 'मरियम' बोट के कप्तान सुभाष मोरे ने ईटीवी भारत से नाव में यात्रियों की सुरक्षा को लेकर खास बातचीत की.
क्या बोले 'अल मरियम' बोट के कप्तान?
उन्होंने कहा कि, वैसे नाव मालिकों या कर्मचारियों और कप्तान यात्रियों को सुरक्षा के मद्देनजर दिशानिर्देश भी देते हैं. हालांकि, कई मौकों पर देखा गया है कि, यात्री इसे नजरअंदाज कर देते हैं. कप्तान सुभाष मोरे ने कहा कि, अगर बोट में बैठे यात्रियों ने लाइफ जैकेट पहनी होती तो कई यात्रियों की जान बच सकती थी.
हमारे कपड़े गंदे हो जाएंगे!
बुधवार को हुई यात्री नाव दुर्घटना के बाद गुरुवार से यात्री नाव में सवार होने वाले प्रत्येक यात्री को लाइफ जैकेट दी जा रही है. साथ ही लाइफ जैकेट और अन्य सुरक्षा के मामले पर भी पूरा ध्यान दिया जा रहा है. 'अल मरियम' बोट पर मौजूद कैप्टन सुभाष मोरे ने एक चौंकाने वाली जानकारी यह दी है कि बोट पर बैठने वाले यात्री लाइफ जैकेट पहनने से मना कर देते हैं.