भोपाल:मध्य प्रदेश में बाघों का कुनबा बढ़ाने और टेरोटोरियल फाइट को रोकने के लिए बाघों की शिफ्टिंग की तैयारी की जा रही है. शिफ्टिंग को लेकर सबसे ज्यादा गंभीरता प्रदेश के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व को लेकर दिखाई जा रही है. बाघों की संख्या के मामले में सबसे समृद्ध बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में सबसे ज्यादा बाघों की मौत भी हो रही है. उधर मध्य प्रदेश के बाघों पर दूसरे राज्यों का भी दिल आ रहा है. राजस्थान, छत्तीसगढ़ और ओडिशा में जल्द ही मध्य प्रदेश से टाइगरों को शिफ्ट किया जाएगा. इसके लिए एनटीसीए ने अपनी अनुमति दे दी है.
बांधवगढ़ में सबसे ज्यादा टाइगर
1156 वर्ग किलोमीटर में फैले बांधवगढ़ नेशलन पार्क में देश ही नहीं बल्कि विश्व की सबसे ज्यादा बाघों की जनसंख्या है. उमरिया जिला स्थित बांधवगढ़ नेशनल पार्क में करीबन 165 से ज्यादा बाघ मौजूद हैं. यह वह संख्या है, जो 2022 की बाघों की गणना के दौरान निकलकर आई है. हालांकि बांधवगढ़ में सबसे ज्यादा बाघ हैं, लेकिन सबसे ज्यादा दुखद पहलू यह भी है कि देश में सबसे ज्यादा बाघों की मौत भी बांधवगढ़ नेशनल पार्क में हो रही है. देश में टाइगर्स की मौत के सबसे ज्यादा आंकड़े मध्य प्रदेश के बांधवगढ़ नेशनल पार्क में ही हैं.
साल 2013 से 2024 तक यहां 93 बाघों की मौत हुई है. दूसरे नंबर पर कर्नाटक के नागरहोले टाइगर रिजर्व में 68 बाघों की और मध्य प्रदेश के पन्ना में 62 बाघों की मौत हुई है. यही वजह है टाइगर्स की ओवर क्राउडिंग को कम करने के लिए वन विभाग बाघों को दूसरे टाइगर रिजर्व में शिफ्ट करने को लेकर कोशिश करता रहा है. दो साल पहले इसको लेकर प्रयास किए गए थे, जो एक बार फिर किए जा रहे हैं. हालांकि बाघों की शिफ्टिंग एनटीसीए की अनुमति निर्भर करेगा.
बाघों की मौतों की क्या है असल वजह ?
हालांकि बांधवगढ़ में लगातार हो रही बाघों की मौतों को लेकर रिटायर्ड आईएफएस अधिकारी डॉ. सुदेश बाघमारे कहते हैं कि 'बांधवगढ में टाइगर की सबसे ज्यादा संख्या है, लेकिन पिछले कुछ समय में बांधवगढ़ में स्टाफ की पेट्रोलिंग कम हुई है, जो बेहद जरूरी है. वहीं यहां लगातार डायरेक्टर को बदला जा रहा है. लंबे समय तक एक डायरेक्टर पदस्थ रहेगा, तो वह बेहतर तरीके से प्लानिंग कर सकेगा. बांधवगढ़ में लगातार बाघों की मौत को लेकर तो वाइल्ड लाइफ एक्टिविस्ट अजय दुबे पूर्व में सीबीआई जांच तक की मांग कर चुके हैं.