मुरैना। भारत की प्राचीन सभ्यता और चंबल की धरोहर के विदेशी भी कायल हैं. इसका जीता-जागता उदाहरण शनिवार को चंबल के चौसठ योगिनी मंदिर में देखने को मिला. यहां पर पुरातत्व धरोहर को देखने आये यूनाइटेड स्टेट ऑफ अमेरिका के एंबेसडर एरिक माइकल गार्सेटी के मुंह से अनायास ही निकल गया वंडरफुल. दरअसल अपने परिवार के साथ ग्वालियर से मुरैना पहुंचे थे. यहां पर उन्होंने सपरिवार मितावली, पढ़ावली और बटेश्वरा मंदिर के दर्शन कर भारत की पुरातत्व धरोहर को निहारा.
जेड प्लस सुरक्षा के घेरे में पहुंचे चंबल
भारत में अमेरिका के राजदूत एरिक माइकल गार्सेटी शनिवार को जेड प्लस सुरक्षा के घेरे में ग्वालियर से मुरैना चंबल घाटी पहुंचे. उनके साथ पत्नी, बच्चे व एक अन्य रिश्तेदार भी थे. मुरैना में उन्होंने रिठौरा क्षेत्र में भारत की पुरातत्व धरोहर मितावली, पढ़ावली और बटेश्वरा मंदिर के दर्शन किये.
चौसठ योगिनी मंदिर की देखी कारीगरी,कहा वंडरफुल
चौसठ योगिनी मंदिर पर उन्होंने शिवलिंग श्रृंखला को देखा तो आश्चर्यचकित रह गए. इस दौरान उनके मुंह से अनायास ही निकल गया वंडरफुल. इतनी सुंदर कारीगरी और कलाकारी के वे कायल हो गए. शिव टेंपल शब्द सुनने के बाद राजदूत की पत्नी ने सिर झुकाकर मंदिरों को प्रणाम किया.