मुंबई: महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों ने एक अनोखी राजनीतिक लड़ाई की पटकथा तैयार की, जहां एकनाथ शिंदे की शिवसेना का मुकाबला उद्धव ठाकरे की शिवसेना से था. ऐसे में शनिवार को आए नतीजों ने कुछ समय के लिए इस सवाल का जवाब दे दिया है कि जनता का असली प्रतिनिधि कौन है और सालों पुराना शिवसेना की विरासत को आगे कौन ले जाएगा?
दरअसल, चुनाव में एकनाथ शिंदे की अगुआई वाली शिवसेना ने राज्य में 36 विधानसभा सीटों पर अपनी प्रतिद्वंद्वी शिवसेना (यूबीटी) को हराया, जबकि उद्धव की सेना शिंदे के केवल 14 उम्मीदवारों पर हराने में कामयाब रही.
चुनाव में शिंदे ने मारी बाजी
कुल मिलाकर सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन में शामिल शिंदे की सेना ने राज्य चुनावों में 81 सीटों पर चुनाव लड़ा औ 57 पर जीत दर्ज की. विपक्षी महा विकास अघाड़ी (MVA) में शामिल उद्धव ठाकरे की (यूबीटी) ने 95 उम्मीदवार मैदान में उतारे और 20 सीटें ही जीत पाई
शिंदे की शिवसेना ने उद्धव के उम्मीदवारों को कहां दी शिकस्त
2022 में विद्रोह का नेतृत्व करने के बाद से एकनाथ शिंदे ने अपने साथ आए अधिकांश मौजूदा विधायकों को बरकरार रखा है. शनिवार को जब राज्य चुनावों के लिए वोटों की गिनती हुई, तो उन्हीं विधायकों ने उनके लिए काम किया.
सिल्लोड में मंत्री शिंदे के नेतृतव वाली शिव सेना के अब्दुल सत्तार ने सुरेश बानकर को हराया. औरंगाबाद सेंट्रल में बालासाहेब थोराट के खिलाफ लड़ने वाले प्रदीप जायसवाल विजयी हुए. संजय शिरसाट ने औरंगाबाद पश्चिम सीट पर राजू शिंदे को हराया, जबकि विलास भूमरे पैठण में दत्तात्रेय गोर्डे को हराकर विजयी हुए.
अपनी पत्नी और मौजूदा विधायक लता सोनवणे की जगह लेने वाले चंद्रकांत सोनवणे ने चोपड़ा में सेना (यूबीटी) के प्रभाकर सोनवणे को हराया. वहीं, संजना जाधव ने कन्नड़ में उदयसिंग राजपूत को हराया, जबकि संजय बांगर ने कलमनुरी में संतोष तरफे के खिलाफ जीत हासिल की.
गणेश धात्रक को नंदगांव में सुहास कांडे ने मात दी. इसी तरह मालेगांव आउटर में दादा भुसे ने प्रशांत हिरय को हराया. वहीं, आदिवासी बहुल पालघर निर्वाचन क्षेत्र में, राजेंद्र गावित ने जयेंद्र दुबला के खिलाफ जीत दर्ज की. ठाणे जिले के भिवंडी ग्रामीण में जहां सीएम शिंदे का प्रभाव है, वहां उनकी पार्टी के शांताराम मोरे ने उद्धव के करीबी महादेव घाटल को हराया.