मुंबई: महाराष्ट्र के डिप्टी स्पीकर और अजित पवार गुट के विधायक नरहरि जिरवाल ने महाराष्ट्र मंत्रालय भवन की तीसरी मंजिल से कूद गए. हालांकि, वह सेफ्टी नेट पर जा गिरे और उनकी जान बच गई. उन्होंने यह कठोर कदम धनगर समुदाय द्वारा मांगे जा रहे एसटी (अनुसूचित जनजाति) आरक्षण के खिलाफ चल रहे विरोध प्रदर्शनों के बीच उठाया गया है.
आदिवासी नेता के कूदने के बाद सिक्योरिटी नेट से बाहर निकाले जाने के कई दृश्य सामने आए हैं. नेताओं को सिक्योरिटी नेट पर गिरे हुए देखा जा सकता है, जबकि अधिकारी को उन तक पहुंचने और उन्हें सुरक्षित निकालने का प्रयास करते हुए देखे जा सकता है.
विधायकों की नारेबाजी
वहीं, मंत्रालय में मौजूद कई आदिवासी विधायक दूसरी मंजिल पर सुरक्षा घेरे में आ गए. इस दौरान उन्होंने नारेबाजी भी की. प्रदर्शनकारियों की मांग थी कि धनगर समुदाय को अनुसूचित जनजाति आरक्षण न दिया जाए और पंचायत विस्तार से अनुसूचित क्षेत्रों तक अधिनियम के तहत सेवाएं देने की मांग की.
बता दें कि धनगर समाज को अनुसूचित जनजाति में आरक्षण मिले, इसके लिए आदिवासी समुदाय पुरजोर तरीके से आंदोलन कर रहा है. हालांकि, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अजित पवार गुट के वरिष्ठ नेता नरहरि जिरवाल ने चेतावनी दी है कि अगर राज्य सरकार धनगर समाज को अनुसूचित जनजाति (एसटी) में आरक्षण देने के लिए प्रस्ताव पारित करती है, तो हमारे 65 विधायक विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे देंगे.
अनुसूचित जनजाति आरक्षण को लेकर तनाव
पुलिस ने हस्तक्षेप कर प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर किया उग्र विरोध के बाद पुलिस ने हस्तक्षेप किया और विरोध कर रहे विधायकों को नेट से हटा दिया. अनुसूचित जनजाति आरक्षण और धनगर समुदाय को शामिल करने के विवादास्पद मुद्दे पर चर्चा जारी रहने के कारण स्थिति तनावपूर्ण बनी रही.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक नरहरि दो दिन पहले ही मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से मिलने पहुंचे थे, लेकिन उनकी मुलाकात नहीं हो सकी. इसके बाद वह शुक्रवार को भी सीएम से मिलने पहुंचे, पर सीएम उपलब्ध नहीं थे. आप इस वीडियो में देख सकते हैं कि नरहरि के साथ कुछ और लोग नेट पर कूद गए. उनमें आदिवासी विधायक भी थे. सभी विधायक नेट पर खड़े होकर नारेबाजी करने लगे.
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