वाराणसी : बांदा कारागार से मुख़्तार अंसारी को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये विशेष न्यायाधीश (एमपी-एमएलए) अवनीश गौतम की अदालत में पेश किया गया. मुख्तार अंसारी को आर्म्स एक्ट के तहत दोषी पाया गया. सजा के बिंदु पर बुधवार को 12 बजे सुनवाई होगी.
मंगलवार को मुख्तार अंसारी के एक मामले में न्यायालय विशेष न्यायाधीश एमपी/एमएलए अवनीश गौतम द्वारा निर्णय पारित किया गया है. धारा 428, 467, 468, 120B भारतीय दंड संहिता व धारा 30 आर्म्स एक्ट मे दोष सिद्ध किया गया और धारा 13 (2) भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम में दोषमुक्त किया गया. उक्त मामले में मुख्तार अंसारी पर आरोप है कि तत्कालीन जिला मजिस्ट्रेट आलोक रंजन व तत्कालीन पुलिस अधीक्षक गाजीपुर देवराज नगर के फर्जी कूटरचित हस्ताक्षर बनवाकर शस्त्र लाइसेंस प्राप्त किया था. उक्त मामला सन् 1990 में पंजीकृत किया गया था. जिसकी विवेचना सीबीसीआईडी द्वारा की गई. बाद उक्त मामले में विवेचना कर मुख्तार अंसारी व तत्कालीन शस्त्र लिपिक गौरीशंकर लाल के विरुद्ध आरोप पत्र न्यायालय में प्रेषित किया गया. अभियुक्तों पर आरोप पत्र में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा का भी आरोप होने के कारण उक्त मामले का विचारण विशेष क्षेत्राधिकार प्राप्त न्यायालय वाराणसी में प्रचलित रहा. इसी बीच अश्वनी उपाध्याय बनाम भारत संघ के मामले में उच्चतम न्यायालय के आदेश से उक्त मामला विशेष न्यायालय एमपी/एमएलए के न्यायालय में विचाराधीन रहा, जिसमें मंगलवार को निर्णय आया है.