श्रीनगर:जम्मू-कश्मीर में 10 साल के बाद विधानसभा चुनाव हो रहे हैं. जम्मू-कश्मीर के केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद यह पहला चुनाव है, इसलिए इस चुनाव पर लोगों की कड़ी नजर है. 1965 से लेकर अब तक जम्मू-कश्मीर में गुलाम मोहम्मद सादिक से लेकर महबूबा मुफ्ती तक नौ राजनेता मुख्यमंत्री रह चुके हैं. केंद्र शासित प्रदेश अब अपने पहले मुख्यमंत्री का चुनाव करने के लिए मतदान कर रहा है. इस स्टोरी में जम्मू-कश्मीर के सबसे लंबे समय तक और सबसे कम समय तक मुख्यमंत्री रहे नेताओं पर नजर डाली गई है.
नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला के नाम सबसे लंबे समय तक जम्मू-कश्मीर का मुख्यमंत्री रहने का रिकॉर्ड है. वह तीन कार्यकाल में कुल 11 साल और 17 दिन तक मुख्यमंत्री रहे. उनका पहला कार्यकाल 8 सितंबर, 1982 से 2 जुलाई, 1984 तक एक साल और 298 दिनों तक चला. दूसरा कार्यकाल 7 नवंबर 1986 से 19 जनवरी 1990 तक तीन साल और 73 दिनों तक चला. इसके बाद 9 अक्टूबर 1996 से 18 अक्टूबर 2002 तक वह छह साल तक मुख्यमंत्री रहे.
शेख मोहम्मद अब्दुल्ला कुल मिलाकर सात साल और 90 दिनों तक जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री रहे. उनका पहला कार्यकाल दो साल और 29 दिनों का था, जो 25 फरवरी 1975 से 26 मार्च 1977 तक चला, जबकि दूसरा कार्यकाल पांच साल और 61 दिनों का था, जो 9 जुलाई 1977 से 8 सितंबर 1982 तक चला.
गुलाम मोहम्मद सादिक तीसरे सबसे लंबे समय तक सेवा करने वाले मुख्यमंत्री हैं, जिनका कार्यकाल कुल छह साल और 257 दिनों का था. वह 30 मार्च 1965 से 12 दिसंबर 1971 तक जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री रहे. दिलचस्प बात यह है कि सादिक कांग्रेस की तरफ से जम्मू-कश्मीर के पहले मुख्यमंत्री थे.
पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के मुफ्ती मोहम्मद सईद ने तीन साल और 312 दिनों तक मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया. उनका पहला कार्यकाल 2 नवंबर, 2002 से 2 नवंबर, 2005 तक था, और दूसरा कार्यकाल 1 मार्च, 2015 से 7 जनवरी, 2016 तक था यानी दूसरी बार वह 312 दिनों के लिए मुख्यमंत्री रहे.