हैदराबाद: Lok Sabha Polls Phase 4 Key Candidates- लोकसभा चुनाव 2024 के चौथे चरण में नौ राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश की 96 सीटों पर 13 मई को वोटिंग होगी. इस चरण में आंध्र प्रदेश (25) और तेलंगाना (17) की सभी लोकसभा सीटों पर चुनाव होना है. इसके अलावा उत्तर प्रदेश की 13 सीट, महाराष्ट्र की 11, पश्चिम बंगाल व मध्य प्रदेश की 8-8, बिहार की पांच सीट, झारखंड और ओडिशा की 4-4 सीटों के साथ-साथ जम्मू-कश्मीर की एक सीट पर भी मतदान होगा.
चौथे चरण में यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव (कन्नौज), एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी (हैदराबाद), केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय (उजियारपुर), अजय मिश्रा टेनी (लखीमपुर खीरी) शत्रुघ्न सिन्हा (आसनसोल), वाईएस शर्मिला (कडपा) पूर्व क्रिकेटर यूसुफ पठान (बहरामपुर) समेत कई दिग्गज चुनाव मैदान में हैं. आइए चौथे चरण की कुछ प्रमुख सीटों के बारे में जानते हैं, जो हाईप्रोफाइल उम्मीदवारों की वजह से चर्चा में हैं.
कन्नौज (यूपी)
समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव कन्नौज लोकसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं. भाजपा ने मौजूदा सांसद सुब्रत पाठक को उनके खिलाफ मैदान में उतारा है. बसपा की तरफ से इमरान बिन जफर चुनाव लड़ रहे हैं. लेकिन इस सीट पर मुख्य मुकाबला अखिलेश और सुब्रत पाठक के बीच बताया जा रहा है. 2019 के लोकसभा चुनाव में सुब्रत पाठक ने कन्नौज से जीत दर्ज की थी. उन्होंने अखिलेश की पत्नी डिंपल यादव को शिकस्त दी थी. सुब्रत को कुल 5,63,087 वोट और डिंपल को कुल 5,50,734 वोट मिले थे. 2014 के चुनाव में कन्नौज से डिंपल यादव सांसद चुनी गई थीं.
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव (फोटो- ANI) बहरामपुर (पश्चिम बंगाल)
पश्चिम बंगाल की बहरामपुर लोकसभा सीट पर वरिष्ठ कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी और टीएमसी उम्मीदवार व पूर्व क्रिकेटर यूसुफ पठान के बीच टक्कर है. भाजपा ने इस सीट से निर्मल कुमार को मैदान में उतारा है. पश्चिम बंगाल कांग्रेस के अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी वर्तमान में यहां से सांसद हैं. वह 1999 से लगातार पांच बार बहरामपुर से निर्वाचित हो चुके हैं. 2019 के चुनाव में चौधरी ने 80,000 से अधिक वोटों के अंतर से जीत दर्ज की थी. बहरामपुर निर्वाचन क्षेत्र में मुस्लिमों की आबादी 50 प्रतिशत अधिक है. इस बार उन्हें कड़ी चुनौती मिल रही है. बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी यूसुफ पठान की जीत सुनिश्चित करने के लिए पूरा जोर लगा रही हैं.
बहरामपुर में चुनाव प्रचार करते यूसुफ पठान (फोटो- ANI) बेगूसराय (बिहार)
बिहार की बेगूसराय लोकसभा सीट से भाजपा ने फायरब्रांड नेता और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह को एक बार फिर उम्मीदवार बनाया है. 'इंडिया' गठबंधन की ओर से भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) के अवधेश राय चुनाव मैदान में हैं. बेगूसराय सीट भूमिहार बहुल माना जाती है. वर्तमान सांसद गिरिराज सिंह का संबंध भूमिहार जाति से है, वहीं पूर्व विधायक अवधेश राय यादव जाति से आते हैं. 2019 के आम चुनाव में भाजपा के गिरिराज सिंह बड़े अंतर से विजयी हुए थे. उन्होंने कुल 6,92,193 वोट मिले थे. सीपीआई के कन्हैया कुमार दूसरे नंबर पर रहे थे. उन्हें 2,69,976 वोट मिले थे. तीसरे नंबर पर रहे आरजेडी के मोहम्मद तनवीर हसन को 1,98,233 वोट मिले थे.
अमित शाह के साथ गिरिराज सिंह (फोटो- ANI) कृष्णानगर (पश्चिम बंगाल)
पश्चिम बंगाल की कृष्णानगर लोकसभा सीट से टीएमसी ने एक बार फिर महुआ मोइत्रा पर दांव लगाया है. वहीं भाजपा ने अमृता राय को मैदान में उतारा है. अमृता कृष्णानगर के पूर्व राजघराने की सदस्य हैं. नदिया जिले के अंतर्गत कृष्णानगर सीट को जीतने के लिए भाजपा ने एड़ी चोटी का जोर लगाया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह यहां प्रचार कर चुके हैं. टीएमसी ने भी इस सीट को अपनी प्रतिष्ठा का सवाल बना लिया है. 2019 के लोकसभा चुनाव में इस सीट से टीएमसी की तरफ से महुआ मोइत्रा ने जीत दर्ज की थी. उन्होंने 6,14,872 वोट मिले थे, जबकि दूसरे नंबर पर रहे भाजपा के कन्याण चौबे को 5,5,1654 वोट मिले थे.
हैदराबाद (तेलंगाना)
तेलंगाना की हाईप्रोफाइल लोकसभा सीट हैदराबाद से एआईएमआईएम अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी लगातार पांचवीं बार चुनाव मैदान में हैं. भाजपा ने इस बार ओवैसी के खिलाफ माधवी लता को मैदान में उतारा है. जबकि कांग्रेस की तरफ से मोहम्मद वलीउल्लाह समीर चुनाव लड़ रहे हैं. हैदराबाद एआईएमआईएम का गढ़ माना जाता है. ओवैसी साल 2004 से लोकसभा में हैदराबाद का प्रतिनिधत्व कर रहे हैं. 2019 के चुनाव में असदुद्दीन ओवैसी करीब तीन लाख वोटों के अंतर से विजयी हुए थे. उन्हें 5,17,471 वोट मिले थे. दूसरे नंबर पर रहे भाजपा के भगवंत राव को 2,35,285 वोट मिले थे. जबकि कांग्रेस के फिरोज खान को 49,944 वोट मिले थे.
हैदराबाद से भाजपा उम्मीदवार माधवी लता (फोटो- ANI) खूंटी (झारखंड)
खूंटी लोकसभा सीट पर भाजपा ने एक बार फिर केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा पर दांव लगाया है. पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा ने 2019 के आम चुनाव में बहुत कम वोटों के अंतर से जीत दर्ज की थी. खूंटी निर्वाचन क्षेत्र में कुल 13,12,261 वोटर हैं. जिसमें 70 प्रतिशत से अधिक अनुसूचित जनजाति के मतदाता है. 2004 के आम चुनाव को छोड़कर भाजपा 1991 से खूंटी सीट जीतती आई है. भाजपा के कड़ीया मुंडा सात बार यहां से विजयी हुए थे.
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