पटना :कभी बॉलीवुड फिल्मों के लिए सेट डिजाइन करने वाले मुकेश सहनी उर्फ सन ऑफ मल्लाह ने आज एक बार फिर महागठबंधन में एंट्री ली है. इसी के साथ लोकसभा चुनाव से पहले मुकेश सहनी ने ऐलान कर दिया है कि उनकी पार्टी इंडिया गठबंधन के साथ चुनावी मैदान में उतरेगी. ऐसे में सवाल यह है कि महागठबंधन के लिए 'सन ऑफ मल्लाह' फायदेमंद साबित होंगे, या फिर बीजेपी के लिए सिरदर्द साबित होंगे?.
महागठबंधन में शामिल हुए मुकेश सहनी : पटना में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा कि, मुकेश सहनी का महागठबंधन में स्वागत है. बिहार की राजनीति के लिए आज का दिन महत्वपूर्ण है. महागठबंधन में मुकेश साहनी शामिल हुए हैं. मुकेश सहनी ने पिछड़ा समाज के लिए बहुत संघर्ष किया है. उन्होंने कहा कि, इस बार जो लोग 400 पार का नारा लगा रहे हैं, उन लोगों को जबदस्त झटका मिलेगा. बिहार में अप्रत्याशित चौंकाने वाला रिजल्ट आएगा. वहीं मुकेश सहनी ने कहा कि, हमलोग महागठबंधन में जुड़े हैं. अब आगे लड़ाई लड़नी है.
''हमलोग हमेशा लालू प्रसाद के सिद्धांत पर चलने वाले लोग हैं. गरीबों और संघर्ष करने वाले लोगों की लड़ाई मैंने लड़ी. बीजेपी ने मेरी पार्टी को तोड़ने का काम किया. आज भी संघर्ष कर रहा हूं. बंगाल हो या दिल्ली हर जगह निषाद समाज को आरक्षण दिया जा रहा है. लेकिन बिहार, उत्तरप्रदेश और झारखंड में आरक्षण का लाभ नहीं मिल रहा है.''- मुकेश सहनी, वीआईपी, संस्थापक
अब 26 नहीं, इतने सीटों पर चुनाव लड़ेगी आरजेडी : बिहार में लोकसभा की 40 सीटों में से आरजेडी अब 26 नहीं बल्कि 23 सीटों पर चुनाव लड़ेगी. दरअसल आरजेडी ने अपने हिस्से की तीन सीट मोतिहारी, गोपालगंज और झंझारपुर मुकेश सहनी को दी है. ऐसे में अब आरजेडी 23 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी. कई सीटों पर आरजेडी ने अपने उम्मीदवार का ऐलान पहले ही कर दिया है.
इन 3 सीटों पर चुनाव लड़ेगी VIP :समझौते के अनुसार, लालू यादव की पार्टी आरजेडी अपने हिस्से की 26 सीटों में से तीन सीट मुकेश सहनी की पार्टी वीआईपी को देगी. बिहार में मुकेश सहनी की पार्टी मोतिहारी, गोपालगंज और झंझारपुर में चुनाव लड़ेगी.
बिहार में क्या है 'सन ऑफ मल्लाह' ताकत? : ‘सन ऑफ मल्लाह’ के नाम से चर्चित वीआईपी के अध्यक्ष मुकेश सहनी मल्लाहों की राजनीति करते है. मल्लाह में करीब दो दर्जन उप जातियां हैं और एक अनुमान के मुताबिक करीब 7 से 10 फीसदी आबादी मल्लाहों की है. कहा जाता है कि उत्तर बिहार में जहां नदी की संख्या अधिक है, वहां मुकेश सहनी का वोट हार जीत का रुख तय करता है.
इन इलाकों में निषाद समाज का प्रभाव : बिहार में मल्लाह जाति का वोट करीब 7-10 फीसदी के करीब है. वहीं मुकेश सहनी की पार्टी का दावा है कि बिहार में निषाद समुदाय का करीब 14 फीसदी वोट हैं. यहां आपको बता दें कि मुकेश सहनी, जो खुद को 'सन ऑफ मल्लाह' कहते हैं, उनका मिथिलांचल (मधुबनी, दरभंगा), मुजफ्फरपुर, वैशाली और खगड़िया समेत उत्तर बिहार के कई इलाकों में जबरदस्त प्रभाव है.
इन सीटों पर NDA की चुनौती? :इस बार मुकेश साहनी के हिस्से में झंझारपुर, मोतिहारी और गोपालगंज की सीट गई है. इन तीनों सीटों पर 2014 और 2019 में एनडीए प्रत्याशी की जीत हुई थी. या यूं कहें यह तीनों सीट एनडीए का गढ़ रहा है. 2019 में मोतिहारी की सीट कांग्रेस को गई थी और आरजेडी के खाते में झंझारपुर और गोपालगंज की सीट आई थी. मोतिहारी से राधा मोहन सिंह के खिलाफ आकाश कुमार सिंह चुनाव लड़े थे. वही झंझारपुर से रामप्रीत मंडल के खिलाफ आरजेडी के गुलाब यादव लड़े थे. गोपालगंज लोकसभा सीट से डॉ आलोक कुमार सुमन के खिलाफ आरजेडी के सुरेंद्र राम चुनाव लड़े थे.