नई दिल्ली:चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डी वाई चंद्रचूड़ ने शनिवार को कहा कि स्थानीय और क्षेत्रीय भाषाओं में कानून और कानूनी शिक्षा विकसित करने की आवश्यकता है, जिससे न केवल देश के नागरिक कानूनी प्रणाली तक पहुंच बना सकें बल्कि वकील और जज बनने की आकांक्षा भी रख सकें.
सीजेआई ने लखनऊ में RMLNLU के दीक्षांत समारोह में बोल रहे थे. समारोह में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस विक्रम नाथ, इलाहाबाद हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस अरुण भंसाली, आरएमएलएनएलयू के कुलपति प्रोफेसर अमर पाल सिंह, अभिभावक और छात्र भी शामिल हुए.
CJI ने कहा, "दुनिया भर के कई देशों में कानूनी शिक्षा और कानूनी कार्यवाही दोनों क्षेत्रीय भाषा में आयोजित की जाती हैं, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि सभी नागरिक न केवल कानूनी प्रणाली तक पहुंच बना सकें, बल्कि वकील और न्यायाधीश बनने की आकांक्षा भी रख सकें."
उन्होंने कहा कि जब हम अपने छात्रों को स्थानीय संदर्भ और स्थानीय कानूनी शब्दों से परिचित कराते हुए कानून के मूल सिद्धांतों को कुशलतापूर्वक पढ़ाते हैं, तभी हम भविष्य में सामाजिक रूप से जिम्मेदार वकील तैयार कर सकते हैं, जो स्थानीय समुदाय के मुद्दों और चिंताओं को सही मायने में समझ सकें.
छात्रों को दिया संदेश
जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा, "मुझे उम्मीद है कि हम सभी इन मुद्दों के बारे में अधिक गहराई से सोचेंगे." सीजेआई ने छात्रों को दिए संदेश में कहा कि याद रखें, कानून एक स्थिर क्षेत्र नहीं है. यह समाज के साथ विकसित होता है, इसके परिवर्तनों को दर्शाता है और नई चुनौतियों का समाधान करता है. जज के रूप में हमारे भूरे बालों के साथ, हम भी बदलते और विकसित होते रहते हैं.