नई दिल्लीः दिल्ली हाईकोर्ट ने लैंड फॉर जॉब मामले के आरोपी अमित कात्याल को स्वास्थ्य के आधार पर छह हफ्ते की अंतरिम जमानत दे दी है. जस्टिस धर्मेश शर्मा की वेकेशन बेंच ने ढाई लाख रुपये के मुचलके पर अंतरिम जमानत देने का आदेश दिया. बुधवार को सुनवाई के दौरान कात्याल की ओर से पेश वकील ने कहा था कि उनकी बेरियाट्रिक सर्जरी हुई है. वजन 10 किलो घट गया है. आगे जिस ऑपरेशन की जरूरत है वो तिहाड़ जेल में उपलब्ध नहीं है. तब कोर्ट ने पूछा था कि जब उनकी सर्जरी पहले की गई थी तो आरोपी ने ग्रीष्मावकाश में अंतरिम जमानत की अर्जी क्यों दाखिल की है? तब सिब्बल ने कहा कि उनकी जमानत याचिका ट्रायल कोर्ट ने हाल ही में खारिज की है.
बता दें, 22 मई को राऊज एवेन्यू कोर्ट ने अमित कात्याल की जमानत याचिका खारिज कर दिया था. इस मामले में 9 जनवरी को ईडी ने चार्जशीट दाखिल किया था. चार्जशीट में बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी, मीसा भारती, हेमा यादव, ह्रदयानंद चौधरी और अमित कात्याल को आरोपी बनाया गया है. ईडी ने अमित कात्याल को 11 नवंबर 2023 को गिरफ्तार किया था. लैंड फॉर जॉब मामले में ईडी के पहले सीबीआई ने केस दर्ज किया था. सीबीआई का मामला भी दिल्ली के राऊज एवेन्यू कोर्ट में ही चल रहा है.
ईडी के मुताबिक, कात्याल एके इंफोसिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड नामक कंपनी का डायरेक्टर था. इस कंपनी के जरिये उसने रेलवे के ग्रूप डी के विभिन्न अभ्यर्थियों से काफी कम रेट में जमीन लिए गए. इन भूखंडों को बाद में लालू प्रसाद यादव के परिवार के सदस्यों के नाम कर दिए गए. लैंड फॉर जॉब घोटाला लालू यादव के रेल मंत्री रहने के दौरान का है. आरोप है कि लालू यादव के रेल मंत्री रहते नौकरी के बदले जमीन देने के लिए कहा जाता था. नौकरी के बदले जमीन देने के काम को अंजाम देने का काम भोला यादव को सौंपा गया था.