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खुफिया जानकारी साझा करने में हुई चूक, मणिपुर हिंसा की बड़ी वजह!: MAC का विश्लेषण - LACK OF INTELLIGENCE

केंद्र द्वारा प्राप्त समग्र खुफिया इनपुट में राज्य एजेंसियों का असंगत योगदान है. एमएसी बैठकों चिंता जतायी है.

Ministry of Home Affairs
गृह मंत्रालय. (IANS)

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Feb 18, 2025, 3:43 PM IST

Updated : Feb 18, 2025, 4:11 PM IST

नई दिल्ली: नई दिल्ली स्थित मल्टी एजेंसी सेंटर (एमएसी) द्वारा किए गए विश्लेषण से पता चला है कि विभिन्न एजेंसियों के बीच खुफिया जानकारी ठीक तरीके से साझा नहीं किया जा रहा है. इन वजहों से पूर्वोत्तर राज्य जम्मू एवं कश्मीर और मणिपुर में आतंकवाद और विभिन्न प्रकार की हिंसक गतिविधियों को रोकने में बड़ी समस्याएं सामने आ रही हैं. बता दें कि 2008 के मुंबई आतंकी हमलों के बाद गृह मंत्रालय ने विभिन्न खुफिया एजेंसियों के बीच दैनिक सूचना साझा करने की सुविधा के लिए मल्टी एजेंसी सेंटर बनाया है.

मणिपुर हिंसा क्यों नहीं रुकीः एमएसी की ऐसी ही एक बैठक का जिक्र करते हुए एक खुफिया अधिकारी ने ईटीवी भारत को बताया कि विभिन्न खुफिया एजेंसियां ​​अपनी खुफिया जानकारी दूसरों के साथ साझा करने में हिचकिचाती हैं. नाम न बताने की शर्त पर अधिकारी ने बताया, "एमएसी द्वारा किए गए विश्लेषण से पता चला है कि खुफिया जानकारी साझा करने में तालमेल में कमी है. मणिपुर में 22 महीने से अधिक समय तक जारी हिंसा का एक प्रमुख कारण थी."

मणिपुर हिंसा के बाद का दृश्य (File Photo) (PTI)

पिछले हफ्ते नॉर्थ ब्लॉक में हुई एमएसी की बैठक में मणिपुर में लूटे गए हथियारों पर विशेष रूप से चर्चा की गई. मणिपुर में 3 मई, 2023 को भड़की हिंसा के बाद पुलिस शस्त्रागारों और स्टेशनों से लगभग 6,000 हथियार लूटे गए थे. अधिकारी ने कहा, "खुफिया जानकारी साझा न किए जाने के कारण भी लूटे गए हथियारों की बरामदगी में बाधा आई." जहां तक ​​म्यांमार से विद्रोहियों के आने का सवाल है, खुफिया जानकारी साझा करने में कमी रही.

अधिकारी के अनुसार बैठक में यह भी पाया गया कि एमएसी को प्राप्त समग्र इनपुट में राज्य एजेंसियों का योगदान पिछले वर्षों में कम रहा है. प्रसिद्ध सुरक्षा विशेषज्ञ और सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के पूर्व महानिदेशक प्रकाश सिंह ने ईटीवी भारत से कहा "विभिन्न एजेंसियां ​​व्यापक खुफिया जानकारी साझा करने में हिचकिचाहट व्यक्त करती हैं."उत्तर प्रदेश पुलिस के महानिदेशक रह चुके सिंह ने कहा, "खुफिया जानकारी साझा करने में बेहतर समन्वय से कानून और व्यवस्था की स्थिति को बेहतर बनाने में मदद मिल सकती है."

क्या है मल्टी एजेंसी सेंटरः 2008 के मुंबई हमलों के बाद गृह मंत्रालय ने MAC का गठन किया था. विभिन्न खुफिया एजेंसियों के बीच दैनिक सूचना साझा करने की सुविधा के लिए एक मंच है. दिल्ली में एक मल्टी एजेंसी सेंटर है और करीब 28 संगठन उस सेंटर के सदस्य हैं. हर संगठन जो किसी भी तरह से आतंकवाद विरोधी प्रयासों में शामिल है, वह इस सेंटर का सदस्य है.

सांकेतिक तस्वीर. (IANS)

राज्य बहु एजेंसी केंद्रः सभी राज्यों में एक सहायक बहु-एजेंसी केंद्र है, जिसे SMAC कहा जाता है. यह सभी राज्यों की राजधानियों में है. इन सभी 28 एजेंसियों के प्रतिनिधि घटक भी इसके सदस्य हैं. उनकी मौजूदगी उस राज्य की राजधानी में भी है. गृह मंत्रालय इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) के साथ मिलकर इस SMAC की कनेक्टिविटी को जिला स्तर तक बढ़ाने पर विचार कर रहा है.

एमएसी बैठकः एमएसी स्तर पर सभी एजेंसियों की बैठक लगभग हर दिन बुलाई जाती है. पिछले 24 घंटों की खुफिया जानकारी को सामने लाया जाता है. चर्चा की जाती है और अनुवर्ती कार्रवाई की योजना बनाई जाती है या उस पर सहमति बनती है. इसके अलावा, एमएसी मंच पर एक केंद्रित समूह बैठक होती है, जहां किसी विशिष्ट थिएटर पर विशिष्ट जानकारी पर चर्चा की जाती है और इसलिए केवल उन एजेंसियों को बुलाया जाता है और चर्चा की जाती है जो सीधे उस थिएटर से जुड़ी होती हैं. ये बैठकें वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से होती है.

एनएसए स्तर पर एमएसी बैठकः राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के स्तर पर साप्ताहिक बैठक होती है, जिसमें पिछले सात दिनों की खुफिया जानकारी और संबंधित मुद्दों पर चर्चा की जाती है. इसके अलावा, आईबी की सैन्य खुफिया महानिदेशक (डीजीएमआई) के साथ तिमाही सम्मेलन होता है, जिसमें विशेष रूप से सीमावर्ती क्षेत्रों से संबंधित मुद्दों पर चर्चा की जाती है. उपरोक्त उपायों के अलावा, विदेशी सहयोगियों के साथ समन्वय में कुछ महत्वपूर्ण खुफिया जानकारी भी विकसित की जाती है.

जम्मू कश्मीर में सुरक्षा बल. (File Photo) (PTI)

गृह मंत्री के निर्देशः देश में समग्र आंतरिक सुरक्षा स्थिति और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई की समीक्षा के लिए हाल ही में आयोजित एक बैठक की अध्यक्षता करते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने सुरक्षा एजेंसियों के सभी शीर्ष अधिकारियों से मल्टी एजेंसी सेंटर में सहभागिता बढ़ाने और इसे एक ऐसा एकीकृत मंच बनाने का आह्वान किया, जो निर्णायक और त्वरित कार्रवाई के लिए सभी कानून प्रवर्तन एजेंसियों, नशीली दवाओं के खिलाफ एजेंसियों, साइबर सुरक्षा और खुफिया एजेंसियों को एक साथ लाए.

जम्मू-कश्मीर पर बैठकः जम्मू-कश्मीर की स्थिति पर हाल ही में हुई बैठक के दौरान गृह मंत्री अमित शाह ने सभी सुरक्षा एजेंसियों को सतर्क रहने और जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद को खत्म करने के लिए तालमेल के साथ काम जारी रखने का निर्देश दिया. शाह ने जम्मू-कश्मीर में काम कर रहे खुफिया तंत्र को गुणवत्तापूर्ण खुफिया जानकारी जुटाने के लिए कवरेज और पैठ बढ़ाने का निर्देश दिया. उन्होंने सीआरपीएफ और बीएसएफ को भारतीय सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस के साथ तालमेल बनाए रखने को भी कहा.

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Last Updated : Feb 18, 2025, 4:11 PM IST

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