ग्वालियर: मध्य प्रदेश के ग्वालियर चंबल अंचल में इस बार बारिश ने कई रिकॉर्ड तोड़े है. पूरा मध्य प्रदेश लबालब था और इसका असर सड़कों पर भी पड़ा. यही वजह है कि कूनो नेशनल पार्क जो हमेशा पर्यटकों के लिए 1 अक्टूबर से खोला जाता था. इस बार नहीं खुल सका, लेकिन अब कूनो प्रबंधन से ऐसी खबर आई है कि पर्यटकों के चेहरे खिल उठेंगे. कूनो अभ्यारण के द्वार रविवार 6 अक्टूबर से सैलानियों के लिए खोले जा रहे हैं. सैलानी जल्द चीतों के दीदार कर सकेंगे.
तीनों गेट पर होगी सैलानियों की एंट्री
कूनो प्रबंधन द्वारा रविवार को कूनो नेशनल पार्क के तीनों टिकटोली, अहेरा और पीपल बावड़ी गेट पर्यटकों के लिए खोल दिये जायेंगे. इसके साथ ही यहां आने वाले सैलानी जंगल सफारी का मजा कूनो नेशनल पार्क में ले सकेंगे, लेकिन यहां आने वाले ज्यादातर सैलानियों के लिए सबसे ज्यादा आकर्षण का केंद्र अफ्रीका महादीप से भारत लाए गए चीते हैं, लेकिन चीतों के दीदार के लिए थोड़ा समय लग सकता है.
इसलिए 1 अक्टूबर को नहीं खुले द्वार
कूनो नेशनल पार्क वन विभाग के श्योपुर डीएफओ मुरुथराल आर का कहना है कि, "इस बार बारिश की वजह से कूनो नेशनल पार्क में सफारी के रास्ते बुरी तरह खराब हो गए थे. जिसकी वजह से गेट 1 अक्टूबर को नहीं खोले जा सके. हमने हाल ही में निरीक्षण किया है और अब रास्ता ठीक है. यहां सैलानी आ सकते हैं. इसलिए रविवार से पर्यटकों के लिए एंट्री गेट खोले जा रहे हैं."
चीतों के बाड़े में पर्यटकों पर प्रतिबंध
श्योपुर स्थित कूनो नेशनल पार्क के टिकटोली गेट के पास ही चीतों का बाड़ा है. ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि पर्यटक चीतों को भी देख सकेंगे. पिछले साल कूनो अभयारण्य का सिर्फ शिवपुरी जिले में स्थित एक गेट खोल गया था. क्योंकि श्योपुर गेट के पास ही चीतों का बाड़ा था और वहां सैलानियों के जाने पर प्रतिबंध था. ऐसे में सैलानियों को काफी निराशा हुई थी, लेकिन इस बार हालात कुछ अलग होने वाले है.
बाड़े में नहीं जंगल में दिखेंगे चीते
श्योपुर डीएफओ मुरथराल आरका कहना है कि "चीता प्रोजेक्ट के नियमों के हिसाब से सैलानियों के लिए चीतों का बाड़ा प्रतिबंधित क्षेत्र है. लेकिन जब चीतों को खुले जंगल मे छोड़ा जाएगा तो जंगल सफारी के दौरान चीते भी सैलानियों को नज़र आ सकते हैं. और भारत आने के बाद यह पहला ऐसा मौका होगा जब आम लोग भी चीतों का दीदार कर सकेंगे."