मेडिकल-इंजीनियरिंग करना इस साल किफायती (ETV Bharat Kota) कोटा.मेडिकल और इंजीनियरिंग एंट्रेंस में कोटा से सिलेक्शन सर्वाधिक होते हैं. साल 2024 भी कोटा ने इंजीनियरिंग एंट्रेंस एग्जाम में टॉपर दिया है. इसी तरह से मेडिकल एंट्रेंस में भी कोटा का सिक्का काफी चला है. कोटा में इस बार लगातार हुए सुसाइड और बाहर सेंटर खोलने के चलते स्टूडेंट की संख्या कम हुई है. इसके चलते यहां पर कोचिंग संस्थानों ने भी फीस कम की है.
इसके साथ ही हॉस्टल्स व पीजी में भी किराया कम हुआ है. इसका फायदा कोटा आने वाले स्टूडेंट्स ले सकते हैं. जहां पर पहले चार से पांच लाख रुपये सालाना खर्च कोटा की कोचिंग के लिए स्टूडेंट्स को करना पड़ रहा था. अब यह खर्च 2 लाख रुपये सालाना के आसपास हो रहा है. साल 2022 में जहां पर विद्यार्थी 2.5 लाख से ज्यादा कोटा में आए थे. इस बार यह संख्या 1.20 लाख है. ऐसे में फैकल्टी विद्यार्थियों पर पूरा फोकस होकर पढ़ाई उन्हें करा सकेगी.
कोटा समझता है इंजीनियरिंग और मेडिकल एंट्रेंस का सिस्टम : एजुकेशन एक्सपर्ट देव शर्मा का कहना है कि कोटा की पढ़ाई का एक अलग ही मेथड पूरे देश में है. कोटा में स्टूडेंट को किस तरह से पढ़ना है और रिजल्ट से लेकर प्रिपरेशन की भी पूरी एक स्ट्रेटजी है. इसी के चलते यहां पर लंबे समय से स्टूडेंट टॉपर बनते आए हैं. यहां तक कि हर लेवल पर यहां के स्टूडेंट की भागीदारी रहती है. कोटा की अपनी कई उपलब्धियां हैं. कोटा ने इंजीनियरिंग या मेडिकल एंट्रेंस एग्जामिनेशन को बेहतरीन तरीके से समझता है. परीक्षा में परिणाम किस तरह से आते हैं व तैयारी कैसे की जा सकती है. यहां तक कि पढ़ाई के दौरान कितने उतार चढ़ाव विद्यार्थी के जीवन में आते हैं, इन सब से कोटा बेहतरीन तरीके से वाकिफ है. जितनी समझ प्रतियोगी परीक्षाओं की कोटा की फैकल्टी को है, उसी हिसाब से यहां पर पूरा एक सिस्टम बना हुआ है. यह निश्चित तौर पर अकल्पनीय है.
पढे़ं :Kota Coaching Industry : 3 हजार करोड़ का होगा नुकसान, जानें क्या है बड़ा कारण - Students in Kota
पढ़ें :Kota Coaching Industry : छात्र घटे तो डगमगाई कोटा की अर्थव्यवस्था, लोगों का रोजगार छीना, ये आंकड़े चौंका देंगे - Students in Kota
पढ़ें :कोचिंग सिटी कोटा में इस बार घटी छात्रों की संख्या, बने कोरोना जैसे हालात... हॉस्टल्स में लगे ताले - Less Students in Kota Coaching
केवल एक लाख रुपये में रह सकते हैं कोटा में : कोटा हॉस्टल एसोसिएशन के अध्यक्ष नवीन मित्तल का कहना है कि जहां पर साल 2022 में 15000 रुपये प्रति माह से भी ज्यादा किराया था. वहीं 2023 में यह 12000 रुपये प्रति माह के आसपास था. इस साल यह किराया 8000 रुपये मासिक से भी कम हो गया है. ऐसे में 1 साल का खर्च 90 हजार से 1 लाख सालाना के आसपास विद्यार्थियों का होगा. फीस भी करीब इतनी ही स्टूडेंट्स की लग रही है. ऐसे में आसानी से 2 लाख रुपये में कोटा की कोचिंग कर सकते है, जबकि अगर स्टूडेंट पीजी में रहता है तो उसका खर्चा 6000 रुपये मासिक के आसपास होगा. ऐसे में वह 70 से 75 हजार के बीच खर्च कर कोटा में रुक सकता है. नवीन मित्तल ने बताया कि कोटा में अगस्त महीने में भी कुछ बैच मेडिकल और इंजीनियरिंग एंट्रेंस होते है. यहां पर करीब 6 महीने में ही पूरा कोर्स भी करवा दिया जाता है.
कोचिंग से जुड़े फैक्ट्स (ETV Bharat GFX) अभी भी कोटा जाकर ला सकते हैं रिजल्ट : देव शर्मा ने बताया कि कोटा में सभी सेवाएं विद्यार्थियों को या किसी भी तरह से बहुत कम कीमत पर मिल रही हैं. मेरा विद्यार्थियों से कहना है कि इन सेवाओं की सहायता से आगे बढ़ाने की तैयारी करें. स्टूडेंट्स इन प्रतियोगी परीक्षाओं से चिंतित नहीं हों, क्योंकि परीक्षाओं में परिणाम किस तरीके से पहले कोटा से आए हैं, यह आप देख भी सकते हैं और स्वयं इस तरह के परीक्षा परिणाम लेकर भी आ सकते हैं. ऐसे स्टूडेंट्स का कोटा फिर से स्वागत को तैयार है. सबसे बड़ी बात है कि यह सेवा बहुत कम कीमत पर मिल रही है.
पढ़ें :Special: कोटा में स्टूडेंट का टोटा, कोचिंग सेंटर्स ने की फीस में की भारी कटौती - coaching institutes reduce fees
करीब 40 फीसदी कम हो गई गई फीस : स्टूडेंट की संख्या कम होने के चलते कोचिंग संस्थानों ने भी अपनी फीस में काफी कमी कर दी है. कोटा के अधिकांश कोचिंग संस्थान की फीस 40 फीसदी तक काम हो गई है. कुछ कोचिंग संस्थान इस ऑफर के रूप में दे रहे हैं और कुछ फ्लैट फीस कम करके स्टूडेंट के एडमिशन ले रहे हैं. फिजिक्स वाला, अनअकैडमी, मोशन, आकाश सीधे तौर पर छूट दी जा रही है. जबकि रेजोनेंस में नीट के स्कोर या 10वीं व 12वीं में प्रतिशत अंकों पर भी छूट मिल रही है. ऐसे में करीब 99 हजार से लेकर डेढ़ लाख रुपये के बीच होने वाली फीस, अब 70 से 85 हजार रुपये के बीच हो गई है.
स्टूडेंट को मिलेगा पूरा फायदा : नवीन मित्तल ने कहा कि इस बार कोटा में बच्चे कोचिंग करने आते हैं, उनमें कमी आई है. कोटा में करीब 3500 से 4000 हॉस्टल हैं. इनके डेढ़ लाख कमरों का किराया जो बीते साल था, उससे कम हो गया है. इस साल 8 से 10 हजार रुपये रेंट में बच्चों को सभी सुविधा मिल रही है, जिसमें खाना, रहना और अन्य सभी तरीके सुविधा है. यह एक बहुत बढ़िया समय कोटा आ रहे बच्चे के लिए हैं. इन प्रतियोगिताओं की तैयारी के लिए काफी कम खर्च में उन्हें अवेलेबल हो रही है.
जितने भी कोचिंग शिक्षण संस्थान हैं, उन्होंने फीस लगभग आधी कर दी है. हॉस्टल्स के रेंट में लगभग आधे हो चुके हैं. बच्चों का पहला औसत खर्च रहने और कोचिंग संस्थान में पढ़ने का मिलाकर 4 लाख का था, वह 2 लाख के अंदर खर्च हो रहा है. काफी हद तक बच्चों का जो खर्चा आधा हो गया है. इस बार जो बच्चा कोटा में आना चाहता है, फायदा उनको मिल सकता है.