कोलकाता रेप-मर्डर केस: सुप्रीम कोर्ट ने डॉक्टरों से कल शाम 5 बजे तक काम पर लौटने का आग्रह किया - SC Kolkata doctor rape
Supreme Court hearing Kolkata doctor rape- murder case: सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को कोलकाता रेप-मर्डर केस की सुनवाई हुई. इस दौरान बंगाल सरकार ने हड़ताल के दौरान मरीजों की मौत को लेकर रिपोर्ट सौंपी. इसपर सुप्रीम कोर्ट ने डॉक्टरों से काम पर लौटने का आग्रह किया.
सुप्रीम कोर्ट में कोलकाता रेप-मर्डर केस की सुनवाई (IANS)
नई दिल्ली:सुप्रीम कोर्ट में पश्चिम बंगाल के कोलकाता में सरकारी आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक ट्रेनी डॉक्टर के बलात्कार और हत्या मामले पर सुनवाई हुई. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लिया है. सीबीआई ने जांच पर अपनी स्टेटस रिपोर्ट पीठ को सौंप दी है. मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ इस मामले की सुनवाई कर रही है.
मामले की सुनवाई करे दौरान सुप्रीम कोर्ट ने डॉक्टरों से कल शाम 5 बजे तक काम पर लौटने का आग्रह किया. सीजेआई ने कहा कि काम पर लौटने वाले डॉक्टरों के खिलाफ कोई प्रतिकूल कार्रवाई नहीं की जाएगी, हालांकि शीर्ष अदालत ने चेतावनी दी कि अगर काम से लगातार परहेज जारी रहा तो उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा सकती है.
सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया कि अस्पतालों में डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए आवश्यक परिस्थितियां बनाई जाएं, जिसमें पुरुषों और महिलाओं दोनों के लिए शौचालय की सुविधा उपलब्ध हो.
जजों ने सीलबंद लिफाफे में सौंपी गई रिपोर्ट की समीक्षा की. मामले की सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश ने ट्रेनी डॉक्टर की अप्राकृतिक मौत को लेकर दर्ज वक्त पर सवाल उठाया. इसके साथ ही सीजेआई ने पूछा है कि प्रिंसिपल का घर कॉलेज से कितनी दूर है.
इस पर सॉलिसिटर जनरल ने जवाब दिया कि आरजी कर मेडिकल कॉलेज से 15 से 20 की मिनट की दूरी पर प्रिंसिपल का घर है. सुप्रीम कोर्ट ने जानना चाहा कि क्या रात 8:30 से 10:45 बजे तक की गई तलाशी और जब्ती प्रक्रिया की फुटेज सीबीआई को सौंपी गई है? एसजी मेहता ने जवाब दिया कि कुल 27 मिनट की अवधि वाली 4 क्लिप हैं. एसजी मेहता ने कहा कि सीबीआई ने नमूने एम्स और अन्य केंद्रीय फोरेंसिक प्रयोगशाला को भेजने का फैसला किया है.
एक अधिवक्ता ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट पर कई सवाल उठाए और कहा कि जांच के दौरान प्राइवेट पार्ट से लिया गया स्वैब, जिसे 4 डिग्री सेल्सियस पर सुरक्षित रखना था लेकिन ऐसा नहीं किया गया. सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में यह नहीं बताया गया है कि यह कब किया गया. एसजी मेहता ने आगे कहा कि बलात्कार और हत्या के मामले में पहले 5 घंटे महत्वपूर्ण होते हैं और सीबीआई के सामने अपनी चुनौतियां होती हैं जब वे घटना के 5 दिन बाद जांच करने आते हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने एसजी मेहता से जानना चाहा कि क्या शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजे जाने से संबंधित पत्र उनके पास है. वरिष्ठ अधिवक्ता सिब्बल ने कहा कि उन्हें तत्काल दस्तावेज नहीं मिल पा रहे हैं और उन्होंने इसे रिकॉर्ड में रखने के लिए समय मांगा. एसजी तुषार मेहता ने कहा कि उन्हें सौंपी गई फाइल में यह नहीं है. मामले की सुनवाई के दौरान वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने अदालत को बताया कि पश्चिम बंगाल सरकार ने स्थिति रिपोर्ट दाखिल की है और कहा है कि जब डॉक्टर काम नहीं कर रहे थे तब 23 लोगों की मौत हो गई.