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कोलकाता डॉक्टर रेप-मर्डर केस: पूछताछ के लिए CBI के सामने दूसरे दिन पेश हुए अस्पताल के पूर्व प्राचार्य घोष - Kolkata doctor rape murder case

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Aug 17, 2024, 3:35 PM IST

Updated : Aug 17, 2024, 7:27 PM IST

Kolkata Doctor Rape Murder Case, कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के पूर्व प्राचार्य डॉ.संदीप घोष दूसरे दिन सीबीआई के समक्ष पेश हुए. इससे पहले सीबीआई ने शुक्रवार को उनसे 14 घंटे पूछताछ की थी.

Former principal of RG Kar Hospital Ghosh appeared before CBI for questioning
आरजी कर अस्पताल के पूर्व प्राचार्य घोष पूछताछ के लिए CBI के सामने पेश हुए (ETV Bharat)

कोलकाता : कोलकाता स्थित आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के पूर्व प्राचार्य डॉ. संदीप घोष मेडिकल छात्रा के साथ बलात्कार और हत्या के मामले की जांच कर रहे सीबीआई के सामने पूछताछ के लिए शनिवार को दूसरे दिन पेश हुए. बता दें कि डॉ. घोष को शुक्रवार को करीब 14 घंटे तक केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों द्वारा पूछताछ के बाद शनिवार को साल्ट लेक के सीजीओ कॉम्प्लेक्स स्थित सीबीआई कार्यालय में पूछताछ के लिए बुलाया था.

सीबीआई कार्यालय में प्रवेश करते समय डॉ. घोष ने कहा, "मैं गिरफ्तार नहीं हूं, सीबीआई ने मुझे गिरफ्तार नहीं किया है. मैं जांच में पूरा सहयोग कर रहा हूं." इसके तुरंत बाद घोष को कार्यालय के अंदर ले जाया गया. सीबीआई सूत्रों ने बताया कि पूछताछ के शुरुआती दौर में आरजी कर अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल के बयान में विसंगतियां पाई गई हैं. सूत्रों ने बताया कि शुरुआत में डॉ. घोष ने सीबीआई अधिकारियों को बताया था कि घटना की जानकारी मिलने के बाद उन्होंने पुलिस को सूचित किया था और उनसे उचित जांच करने का अनुरोध किया था. लेकिन, जब उनसे पूछा गया कि संस्था के प्रिंसिपल के रूप में उन्होंने क्या किया और उनकी उपस्थिति ने बलात्कार और हत्या मामले में पुलिस की जांच प्रक्रिया को कैसे प्रभावित किया, तो वे संतोषजनक जवाब नहीं दे सके.

सीबीआई सूत्रों ने बताया कि वे डॉ. घोष के कल के बयान की तुलना आज पूछताछ के दौरान उनके द्वारा कही गई बातों से करेंगे. इस बीच, सीबीआई अधिकारियों की एक अलग टीम संजय रॉय को आगे की जांच के लिए साल्ट लेक स्थित कोलकाता सशस्त्र पुलिस, 4वीं बटालियन मुख्यालय ले गई. रॉय इस मामले में अब तक गिरफ्तार किए गए एकमात्र व्यक्ति हैं. उसे कोलकाता पुलिस ने जांच के शुरुआती दिनों में ही गिरफ्तार कर लिया था, जिसने हत्या की शिकार मेडिकल छात्रा के शव के पास मिले टूटे हुए ब्लूटूथ डिवाइस से मिले सुराग के आधार पर उसका पता लगाया था.

पुलिस जांच के दौरान यह बात सामने आई थी कि संजय, जो एक नागरिक स्वयंसेवक के रूप में कार्यरत था, साल्ट लेक बटालियन मुख्यालय के बैरक में अवैध रूप से रह रहा था. जैसे ही सीबीआई ने अपनी जांच का दायरा बढ़ाया, अधिकारियों की एक और टीम 3डी स्कैनर मशीनों के साथ आरजी कर अस्पताल पहुंची, ताकि पल्मोनोलॉजी विभाग की इमारत का गहन विश्लेषण किया जा सके. महिला स्नातकोत्तर छात्रा की हत्या इस विभाग के तीसरे तल पर स्थित सेमिनार हॉल में की गई थी. आरोप है कि हत्या के तुरंत बाद नवीनीकरण कार्य के लिए शौचालय और उससे सटे कमरे के एक हिस्से को ध्वस्त कर दिया गया था. आंदोलनकारी डॉक्टरों ने अस्पताल के अधिकारियों पर सवाल उठाते हुए आरोप लगाया था कि जांच पूरी होने से पहले ही महत्वपूर्ण साक्ष्यों से छेड़छाड़ की गई है.

14 और 15 अगस्त की मध्य रात्रि को महिलाओं द्वारा "रिक्लेम द नाइट” के आह्वान के बाद पश्चिम बंगाल और देश के कई अन्य शहरों और यहां तक ​​कि विदेशों में भी विरोध प्रदर्शन हुए थे. जैसे-जैसे विरोध प्रदर्शन जारी रहा, आरजी कर अस्पताल के बाहर भारी भीड़ जमा हो गई और बाद में भीड़ ने पुलिस बैरिकेड्स तोड़ दिए और आरजी कर अस्पताल के अंदर घुस गई और तोड़फोड़ शुरू कर दी. भीड़ ने इमरजेंसी वार्ड, नर्सिंग स्टेशन, पुलिस कियोस्क और कई पुलिस वाहनों में तोड़फोड़ की. कोलकाता पुलिस के शीर्ष अधिकारियों ने भीड़ के आकार का अनुमान लगाने में चूक को स्वीकार किया कि यह भीड़ हिंसक हो सकती है. हालांकि तोड़फोड़ के सिलसिले में अब तक 30 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. कलकत्ता उच्च न्यायालय ने भी तोड़फोड़ को रोकने में विफल रहने के लिए कोलकाता पुलिस को कड़ी फटकार लगाई है और सीबीआई को अगले बुधवार तक अपनी जांच पर स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया है.

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Last Updated : Aug 17, 2024, 7:27 PM IST

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