लखनऊ :भारतीय जनता पार्टी ने यूपी में टिकट की दूसरी सूची में विद्रोह के खिलाफ जरा से भी तरस नहीं दिखाया. बीजेपी ने लगातार भाजपा के विरोध में अभियान चलाने वाले वरुण गांधी का टिकट काट दिया. जबकि वरुण गांधी के समर्थन में कभी भी ना आने वाली उनकी मां मेनका गांधी को टिकट देकर विद्रोहियों को यह स्पष्ट संदेश दे दिया कि वरिष्ठों ने अगर गरिमा का ख्याल रखा तो उनकी परवाह पार्टी भी करेगी. वरना हर हाल में खामियाजा भुगतना होगा. वहीं, स्वामी प्रसाद मौर्या के सनातन विरोधी बयानों का खामियाजा बेटी संघमित्रा को झेलना पड़ा है.
वरुण गांधी पीलीभीत के सांसद रहते हुए भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ लगातार बयान बाजी करते थे. पिछले लगभग 3 साल से तो उनके बयानबाजी भाजपा के तीखे विरोध की होती रही है. इतना तीखा विरोध तो कई बार विपक्षी भी नहीं करते थे, जितना वरुण गांधी किया करते थे. किसान आंदोलन के नाम पर देश में बेरोजगारी के नाम पर बढ़ते अपराध और कुछ अन्य मुद्दे पर लगातार वरुण गांधी ने बीजेपी की खिलाफत की थी. चुनाव से ठीक पहले उनके सुर बदले थे और वह सकारात्मक बोलने लगे थे. लेकिन पार्टी की चुनाव संचालन समिति पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ा और उनका टिकट काट दिया गया.