संभल : 46 साल बाद कार्तिकेय महादेव मंदिर के कपाट खुले तो तमाम जगह मंदिर और कुओं के मिलने का सिलसिला शुरू हो गया है. जिले के चंदौसी तहसील इलाके में खंडहरनुमा बांके बिहारी मंदिर मिलने के बाद एक खाली प्लॉट में बावड़ी मिली है. शनिवार से इसकी खोदाई शुरू हुई, जो रविवार को भी जारी है. इस खोदाई में अब तक चार सुरंगनुमा कमरे मिले हैं. अभी और कमरे मिलने का दावा किया जा रहा है. फिलहाल खोदाई का काम जारी है.
बता दें कि चंदौसी कोतवाली इलाके के मोहल्ला लक्ष्मणगंज में बीते 17 दिसंबर को खंडहरनुमा प्राचीन बांके बिहारी मंदिर मिला था. सनातन सेवक संघ के प्रांत प्रचार प्रमुख कौशल किशोर वंदेमातरम ने बीते शनिवार को संपूर्ण समाधान दिवस में डीएम डॉ. राजेंद्र पैंसिया को पत्र देकर मुस्लिम बस्ती लक्ष्मणगंज में मंदिर के अलावा बावड़ी होने का दावा करते हुए उसके सौंदर्यीकरण की मांग की थी. जिस पर डीएम ने एडीएम न्यायिक सतीश कुमार कुशवाहा और तहसीलदार धीरेंद्र प्रताप सिंह को खोदाई कराने के आदेश दिए.
जिसके बाद अधिकारियों की टीम दो जेसीबी के साथ लक्षमणगंज पहुंची और आबादी के बीच खाली पड़े प्लाॅट पर बावड़ी की तलाश में खोदाई शुरू कराई. करीब पौन घंटे खोदाई करने के बाद 7 से 8 फीट गहराई में बावड़ी की दीवारें नजर आने लगीं. हालांकि अंधेरा होने पर खुदाई रोक दी गई थी, लेकिन रविवार को फिर दिन निकलने के साथ खोदाई शुरू हुई.
हालांकि इस खुदाई में अब तक चार सुरंगनुमा कमरे मिले हैं, फिलहाल खोदाई जारी है. अभी और कमरे मिलने का दावा किया जा रहा है. इस मामले में चंदौसी के तहसीलदार धीरेन्द्र सिंह ने राजस्व लेखपाल के अनुसार बताया कि मोहल्ला लक्ष्मणगंज में एक स्थान पर बावड़ी के नाम से जाना जाता है, जो कि गाटा संख्या 253 के नाम से दर्ज है. जिसमें पुराना तालाब और कमरे बने हुए हैं. नगर पालिका के सहयोग से इसकी खोदाई की जा रही है. जिसमें 4 कमरे मिले हैं. यह खुदाई लगातार की जाएगी.
डीएम बोले-जरूरत पड़ी तो कराएंगे एएसआई सर्वे
डीएम डॉ. राजेंद्र पेंसिया ने बताया कि यह 400 वर्ग मीटर एरिया है. यह बावली तालाब में दर्ज है. स्थानीय लोगों ने बताया कि यहां बिलारी के राजा के नाना के समय की बावड़ी बनी हुई थी. इसके सेकंड फ्लोर ओर थर्ड फ्लोर मार्बल के बने हुए हैं. ऊपर का तल ईंटों का बना हुआ है. इसमें एक कूप भी है और चार कमरे हैं. इसे मिट्टी से चुन दिया गया था. कल जन सुनवाई के दौरान इसकी शिकायत मिली. इसकी धीरे धीरे खोदाई करवाई जा रही है. जिससे इसके स्ट्रक्चर को नुकसान न हो. यह लगभग 125 से 150 वर्ष पुराना होगा. कहा कि जरूरत पड़ेगी तो एएसआई को भी पत्र लिखेंगे.