नई दिल्ली: भारत चागोस के मुद्दे को लेकर मॉरीशस को अपना निरंतर समर्थन जारी रखेगा. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार को इसकी घोषणा की. मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रविंद कुमार जगन्नाथ के साथ एक ज्वाइंट स्टेटमेंट में विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि चागोस के मुद्दे पर भारत मॉरीशस को अपना समर्थन देना जारी रखेगा, जो कि उपनिवेशवाद को समाप्त करने, राष्ट्रों की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता पर आधारित है.
चागोस द्वीपसमूह को मुख्य रूप से ब्रिटिश हिंद महासागर क्षेत्र के लिए जाना जाता है. यह अंतरराष्ट्रीय कानूनी और राजनीतिक विवाद का विषय रहा है. 1960 के दशक में ब्रिटेन ने मॉरीशस से इन द्वीपों को अलग कर दिया था, जिसके कारण स्थानीय लोगों, चागोसियनों का विवादास्पद स्थानांतरण हुआ. द्वीप पर डिएगो गार्सिया, एक महत्वपूर्ण अमेरिकी सैन्य अड्डा है, जो विशेष रूप से सुरक्षा और संप्रभुता के संबंध में भू-राजनीतिक चिंताओं को जन्म देता है.
भारत करता है मॉरीशस के दावों का समर्थन
संयुक्त राष्ट्र ने मॉरीशस के इस द्वीपसमूह पर संप्रभुता के दावे का समर्थन करते हुए ब्रिटेन से इस क्षेत्र पर अपना प्रशासन समाप्त करने का आह्वान किया है. वहीं, भारत ने भी आमतौर पर मॉरीशस के दावों का समर्थन किया है. हिंद महासागर में इसकी रणनीतिक स्थिति को देखते हुए. भारत ने क्षेत्र की भू-राजनीतिक स्थिरता में रुचि दिखाई है. यह स्थिति हिंद महासागर क्षेत्र में उपनिवेशवाद की समाप्ति, अंतरराष्ट्रीय कानून और भू-राजनीतिक हितों के व्यापक विषयों को दर्शाती है.
मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल में जयशंकर की पहली द्विपक्षीय बैठक
बता दें कि विदेश मंत्री जयशंकर विशेष द्विपक्षीय संबंधों को आगे बढ़ाने के लिए मॉरीशस के शीर्ष नेतृत्व के साथ बातचीत के लिए मंगलवार को दो दिवसीय यात्रा पर मॉरीशस पहुंचे. हिंद महासागर के दीपीय देश की यह यात्रा, मोदी के नेतृत्व वाली तीसरी सरकार में फिर से विदेश मंत्री नियुक्ति किए जाने के बाद यह जयशंकर की पहली द्विपक्षीय बैठक है.
मॉरीशस के प्रधानमंत्री के साथ अपनी बैठक के बाद संयुक्त बयान के दौरान जयशंकर ने कहा, "मॉरीशस उन देशों में से एक है, जहां मैं विदेश मंत्री के रूप में अपने वर्तमान कार्यकाल में सबसे पहले जा रहा हूं. यह हमारे द्विपक्षीय संबंधों की मजबूती और गहराई को रेखांकित करता है. यह मॉरीशस के साथ भारत की विशेष और स्थायी साझेदारी के प्रति अटूट प्रतिबद्धता को रेखांकित करने का भी अवसर है."