हल्द्वानी:उत्तराखंड के हल्द्वानी हिंसा को आज पूरे 8 दिन हो गए हैं. इन आठ दिनों में बहुत कुछ बदलाव देखने को मिला है. बनभूलपुरा में अतिक्रमण स्थल वाली जगह पर पुलिस चौकी खुल गई है. हिंसा मामले में अब तक 44 उपद्रवियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है. इसके अलावा हिंसा की मजिस्ट्रेट जांच भी शुरू हो गई है. हल्द्वानी हिंसा के मास्टरमाइंड अब्दुल मलिक और उसके बेटे मोईद के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी कर दिया गया है. आज ही इस मामले में नैनीताल पुलिस ने 9 उपद्रवियों के पोस्टर जारी किये हैं.
8 फरवरी को भड़की हिंसा:हल्द्वानी को कुमाऊं का प्रवेश द्वार भी कहा जाता है. हलद्वानी कुमाऊं के सबसे बड़े शहरों में शुमार है. इसी शहर से होकर पर्यटक नैनीताल, पिथौरागढ़, अल्मोड़ा समेत कुमाऊं की तमाम खूबसूरत वादियों में पहुंचे हैं. हल्द्वानी आर्थिक दृष्टि से भी बेहद महत्वपूर्ण शहर है. लिहाजा, इसकी खूबसूरती बनाए रखने के लिए शासन प्रशासन की ओर से समय-समय पर कुछ न कुछ कार्रवाई किया जाता है. ऐसी ही एक सरकारी संपत्ति को छुड़ाने और अवैध निर्माण को हटाने के लिए 8 फरवरी को प्रशासनिक अमला बनभूलपुरा इलाके में पहुंचा.
जहां करीब 3.16 बजे पुलिस, नगर निगम और प्रशासन की टीम बुलडोजर लेकर मलिक का बगीचा स्थित अवैध मदरसे व नमाज स्थल को हटाने पहुंची. जहां टीम को देख स्थानीय लोग भड़क गए, लेकिन मामला तब और बिगड़ गया. जब अवैध स्थल को खाली करना शुरू कर दिया गया. देखते ही देखते कुछ लोग हंगामा करने लगे. शाम करीब 5:10 बजे कुछ लोगों ने पुलिस के ऊपर पथराव करना शुरू कर दिया.
इतना ही नहीं उपद्रवियों ने आगजनी शुरू कर दी. कई वाहनों को फूंक दिया गया. उपद्रवियों ने बनभूलपुरा थाने को आग के हवाले कर दिया. बताया जा रहा कि उपद्रवियों ने पुलिसकर्मियों को जिंदा जलाने की कोशिश भी की. स्थिति को संभालने के लिए फायरिंग तक करनी पड़ी. जिससे माहौल तनावपूर्ण हो गया. लिहाजा, नैनीताल डीएम वंदना सिंह ने पूरे इलाके में कर्फ्यू लगाने के आदेश दे दिए.
9 फरवरी को सीएम धामी ने लिया जायजा:इधर, मामले की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की ओर से उपद्रवियों को देखते ही गोली मारने (शूट-एट-साइट) ऑर्डर दे दिए गए. अब तक कई पुलिसकर्मी और मीडियाकर्मी समेत अन्य लोग घायल हो चुके थे. वहीं, अगले दिन 9 फरवरी की सुबह तक खबर आती है कि गोली लगने से दो उपद्रवियों की मौत हो गई है. दोपहर तक यह आंकड़ा बढ़कर 5 पहुंच जाता है.
इसी दिन यानी 9 फरवरी के दिन ही देहरादून से मुख्य सचिव राधा रतूड़ी तमाम बड़े अधिकारियों के साथ मौके पर पहुंचती हैं. जहां उन्होंने पीड़ितों और घायलों से मुलाकात कर उनका हाल जाना. इतना ही नहीं खुद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी हल्द्वानी हिंसा के हालातों का जायजा लेने पहुंचे. सीएम धामी ने मौके पर पहुंचकर घायल पुलिसकर्मियों से मुलाकात की. साथ ही आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की बात कही.
वहीं, मुख्यमंत्री पुष्कर धामी के हल्द्वानी दौरे के बाद उपद्रवियों की पहचान का सिलसिला शुरू हो जाता है. इसी कड़ी में पुलिस ने हल्द्वानी के ही सपा नेता मतीन सिद्दीकी को गिरफ्तार किया गया. इसके परिवार आरोप लगता है कि इन्होंने न केल भीड़ को उकसाया, बल्कि बल्कि मौके पर प्रशासन पर हमला भी किया. इसके साथ ही पुलिस 19 उपद्रवियों के नाम अपनी डायरी में दर्ज कर लेती है.
हालत गंभीर होने के बाद प्रशासन 9 फरवरी को ही एक हेल्पलाइन नंबर जारी करता है. उधर, इंटेलिजेंस के इनपुट और मौके की गंभीरता को देखते हुए तत्काल प्रभाव से मुख्य सचिव राधा रतूड़ी केंद्र सरकार से पैरामिलिट्री फोर्स की डिमांड करती हैं. जिसमें ये कहा जाता है कि हालत बेहद गंभीर हैं. लिहाजा, इन टीमें को हल्द्वानी में तत्काल प्रभाव से तैनात किया जाना जरूरी है.
10 और 11 फरवरी को हुआ ये ऐलान:10 फरवरी को हल्द्वानी नगर आयुक्त पंकज उपाध्याय ने पुलिस में उपद्रवियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया. जिसमें उनका कहना था कि उनके सरकारी ड्राइवर को कुछ लोगों ने न केवल मारपीट की, बल्कि उनका गुप्तांग काटने का भी प्रयास किया. वहीं, 11 फरवरी को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बड़ा ऐलान कर दिया. उनका कहना था कि जितना भी सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचा है, उसकी भरपाई उपद्रवियों से ही की जाएगी.
इसके अलावा ये भी ऐलान होता है कि जिस संपत्ति पर अवैध निर्माण किया गया था और जिसको लेकर पूरा बवाल हुआ, उस जगह पर थाने का निर्माण करवाया जाएगा. वहीं, प्रशासन की ओर से शाम के वक्त कर्फ्यू में थोड़ी ढील दिया गया. जरूरी सामानों की दुकान पैरामिलिट्री फोर्स की देखरेख में खोली जाती है, लेकिन डर और माहौल को देखते हुए कम ही लोग अपने घरों से बाहर निकलते हैं.