नालंदा : देशभर में नीट पेपर लीक मामले में घमासान मचा हुआ है. आरोपियों के कबूलनामे के बाद ये तय माना जा रहा है कि नीट का पेपर लीक हुआ था. आरोपियों तक वही प्रश्न पत्र 24 घंटे पहले पहुंचे थे. उन्हें सॉल्व करके उनका उत्तर भी उन्हें रटवाया जा रहा था.
संजीव मुखिया की सरगर्मी से तलाश : इतनी बड़ी परीक्षा का पेपर लीक होना मामूली बात नहीं है. इसके लिए बड़े नेटवर्क और बड़ी सेटिंग की जरूरत होती है. नीट पेपर लीक मामले में सिकंदर यादुवेन्दु सिर्फ मोहरा भर है. इस मामले में नालंदा के पिता पुत्र की जोड़ी से नीट पेपर लीक केस के तार जोड़े जा रहे हैं. संजीव मुखिया का बेटा शिव कुमार फिलहाल जेल में है. वह भी बीपीएससी पेपर लीक केस में गिरफ्तार हुआ था.
कौन है संजीव मुखिया ऊर्फ लूटन? : पुलिस गिरफ्तार पुत्र को लेकर कभी भी नालंदा आ सकती है वहीं फरार संजीव मुखिया की तलाश के लिए पुलिस ने जाल बिछा दिए हैं लेकिन अभी तक वह पुलिस की पकड़ से दूर है. गांव वालों से संजीव मुखिया के बारे में पूछने पर झल्लाते हुए कहते हैं कि ''उसने हम लोगों के गांव का नाम बदनाम कर रखा है. हमें पिता पुत्र की करतूतों से शर्म आती है.''
देशभर में फैला है नेटवर्क : दरअसल, संजीव मुखिया कभी चतुर्थ ग्रेड का कर्मचारी था. लेकिन वह गांव का मुखिया भी बना. लेकिन कई पेपर लीक केस में इनके नाम आने के बाद जहां बेटे को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है लेकिन संजीव मुखिया का अता पता नहीं लग पा रहा है. नीट पेपर लीक मामले में ही संजीव मुखिया का पहले भी नाम आ चुका है.
राजनीति में भी सक्रिय : ग्रामीणों ने बताया कि पैसे के बल पर संजीव मुखिया ने अपनी राजनीतिक पहचान बनाई और अपनी पत्नी ममता कुमारी को हरनौत विधानसभा से जेडीयू के खिलाफ लोक जनशक्ति पार्टी से चुनाव भी लड़वाया था. हालांकि इस चुनाव में उनकी पत्नी की करारी हार भी हुई थी.