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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : 7 hours ago

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अगर आप सरोवर नगरी नैनीताल आ रहे हैं, तो यहां जाना ना करें मिस, धार्मिक और एडवेंचर का लें मजा - World Tourism Day 2024

World Tourism Day 2024 आज पूरी दुनिया में विश्व टूरिज्म दिवस मनाया जा रहा है. इसी बीच हम आपको सरोवर नगरी नैनीताल के ऐसे स्थानों के बारे में बताने जा रहे हैं, जो आपका मन मोह लेंगे. आप यहां पर मन को शांत और जंगल सफारी का लुत्फ उठा सकते हैं.

World Tourism Day 2024
आज पूरी दुनिया में विश्व टूरिज्म दिवस मनाया जा रहा (photo-ETV Bharat)

रामनगर (उत्तराखंड): टूरिज्म क्षेत्र में उत्तराखंड का नैनीताल जिला बुलंदियों को छू रहा है. यही कारण है कि देश-विदेश से लाखों सैलानी हर वर्ष सरोवर नगरी नैनीताल आते हैं और नैनी झील, विश्व प्रसिद्ध जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क और कैंची धाम समेत आदि स्थलों का दीदार करते हैं. सैलानियों के आने से रिसॉर्ट्स, होमस्टे और खान-पान से जुड़ें लाखों लोगों की आजीविका चलती है.

कैसे हुई विश्व टूरिज्म दिवस की शुरुआत:बता दें कि साल 1970 में वर्ल्ड टूरिज्म ऑर्गेनाइजेशन की स्थापना हुई थी. (यूएनडब्ल्यूटीओ). संगठन ने 27 सितंबर 1980 में विश्व पर्यटन दिवस मनाने का फैसला लिया. पर्यटन को बढ़ावा देना विश्व टूरिज्म डे का उद्देश्य है. इस साल वर्ल्ड टूरिज्म डे की थीम ‘Tourism and Peace’ यानी टूरिज्म और शांति रखी गई है.

नैनीताल में बड़ी तादाद में पर्यटक स्थलों का दीदार करने पहुंचते हैं पर्यटक (Video- ETV Bharat)

पर्यटन के मामले में नैनीताल सिरमौर: पर्यटन कारोबारी संजय छिम्वाल ने बताया कि नैनीताल जिला उत्तराखंड के साथ-साथ पर्यटन के मामले में सिरमौर है. इसकी मुख्य वजह यहां मौजूद पर्यटक स्थल हैं, क्योंकि यहां पर लाखों की संख्या में पर्यटक पहुंचते हैं. उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की आर्थिकी आज मुख्य तौर पर पर्यटन पर आधारित है, क्योंकि यहां संसाधन के कोई अन्य स्रोत नहीं हैं.

कॉर्बेट टाइगर पार्क में सफारी का लुत्फ उठाते हैं सैलानी (photo-ETV Bharat)

पर्यटन कारोबार से लोगों को मिल रहा रोजगार:रिसॉर्ट्स स्वामी और होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष हरिमान ने बताया कि पर्यटन कारोबार सरकार को राजस्व और स्थानीय लोगों को रोजगार देने में अहम भूमिका निभा रहा है. उन्होंने कहा कि सरकार उत्तराखंड में रोड की एप्रोच और हवाई कनेक्टिविटी और बढ़ा दें, तो पर्यटन से बढ़कर उत्तराखंड में कुछ और नहीं हो सकता है.

वन्यजीवों दीदार करने के लिए देश-विदेश से पहुंचे हैं सैलानी (photo-ETV Bharat)

सैलानी बोले नैनीताल मौसम करता है आकर्षित:होमस्टे संचालक रमेश सुयाल ने बताया कि होमस्टे लोगों को ऑथेंटिक एक्सपीरियंस देता है. होमस्टे के माध्यम से सैलानियों को स्थानीय व्यंजनों, स्थानीय पर्यटन स्थल और स्थानीय क्षेत्र की ऑथेंटिक जानकारी मिलती है. वहीं, नैनीताल घूमने आए सैलानी ने बताया कि नैनीताल जिले में आकर उन्हें बहुत अच्छा लग रहा है. वन्य जीव, नैनीताल का मौसम और यहां की अद्भुत वस्तुएं उन्हें अपनी ओर आकर्षित कर रही हैं.

साल भर कैंंचीधाम में भक्तों का लगा रहता है जमावड़ा (photo-ETV Bharat)

नैनीताल जिले में सबसे ज्यादा होम स्टे संचालित:जिला पर्यटन अधिकारी अतुल भंडारी ने बताया कि नैनीताल जिले में अभी कुल 909 होम स्टे रजिस्टर हैं. वहीं होटल, रिसॉर्ट्स और टेंट कॉलोनियों की कुल 995 इकाइयां रजिस्टर हैं. पिछले पांच वर्षों में होम स्टे और होटल की काफी नई इकाइयां नैनीताल जिले में स्थापित हुई हैं. जिनकी संख्या कुल 660 है. जिसमें होम स्टे, टेंट कॉलोनियां और रिसॉर्ट्स शामिल हैं. इन आंकड़ों के मुताबिक उत्तराखंड में नैनीताल जिले में सबसे ज्यादा होम स्टे संचालित किए जा रहे हैं.

नैनीझील में सैलानी बोटिंग का लेते हैं मजा (photo-ETV Bharat)

पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सरकार चला रही कई स्कीमें:अतुल भंडारी ने बताया कि सरकार द्वारा चलाई जा रही वीर चंद्र सिंह गढ़वाली स्कीम के तहत होम स्टे, रिसॉर्ट्स , कैफे, रेस्टोरेंट और एडवेंचर एक्टिविटी समेत तमाम तरह की पर्यटन से जुड़ी गतिविधियों को संचालित करने के लिए 33% की सब्सिडी दी जा रही है. उन्होंने बताया कि पंडित दीनदयाल होम स्टे विकास योजना भी सरकार द्वारा संचालित की जा रही है. इस योजना के तहत होम स्टे निर्माण के लिए 15 लाख रुपए तक का लोन दिया जा रहा है, जिसके लिए 50% सब्सिडी सरकार द्वारा दी जा रही है.

नैनीताल में भारी संख्या में पहुंचते हैं सैलानी (photo-ETV Bharat)

पर्यटन के क्षेत्र में टाइगर रिजर्व निभा रहा अहम भूमिका:विश्व प्रसिद्ध जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क के डायरेक्टर डॉक्टर साकेत बडोला ने बताया कि पर्यटन के क्षेत्र में टाइगर रिजर्व पार्क एक बहुत ही महत्वपूर्ण स्पॉट है, क्योंकि यहां पर आने वाले लोग सिर्फ वहीं, तक सीमित नहीं है, बल्कि आसपास वाले क्षेत्र में जो टूरिज्म सर्कल है, उनकी तरफ भी रूख करते हैं. उन्होंने कहा कि सैलानियों की वजह से जिप्सी चालक,नेचर गाइड, होमस्टे और दुकानदारों की आजीविका चल रही है. साथ ही रिसॉर्ट्स में कार्य करने वाले हजारों लाखों लोगों को रोजगार भी मिलता है.

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