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क्या है एंटी पेपर लीक बिल, आसान भाषा में समझें

Anti Paper Leak Bill : पेपर लीक मामले को लेकर केंद्र सरकार ने सख्त रवैया अपनाया है. सरकार ने इस बाबत लोकसभा में एक बिल पेश किया है. इसके अनुसार प्रतियोगी परीक्षाओं के पेपर लीक मामले में संलिप्त पाए जाने पर 10 साल की जेल और एक करोड़ रु. का जुर्माना लगाया जा सकता है. इस मुहिम में अब राज्य सरकार भी शामिल हो रही है. क्या है पूरा बिल, समझें...

irregularities in competitive examinations Bill introduced in Lok Sabha
परीक्षाओं में नकल पर नकेल, 10 साल की सजा और एक करोड़ा का जुर्माना

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Feb 6, 2024, 1:17 PM IST

Updated : Feb 6, 2024, 7:04 PM IST

नई दिल्ली : केंद्र सरकार प्रतियोगी परीक्षाओं में धांधली और अनियमितताओं पर रोक लगाने के लिए सख्त कदम उठाने जा रही है. सरकार ने इस बाबत सोमवार को लोकसभा में एक बिल पेश किया है. इस बिल में कई सख्त प्रावधान किए गए हैं. इसके अनुसार पेपर लीक में शामिल होने पर 10 साल की सजा सुनाई जा सकती है. दोषी पर भारी जुर्माना भी लगाया जा सकता है. जुर्माने की राशि एक करोड़ रु तक हो सकती है. अगर कोई संस्थान दोषी पाया गया, तो उसकी संपत्ति भी जब्त हो सकती है.

कार्मिक राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने इस मुद्दे को लेकर काफी गंभीरता दिखाई है. उन्होंने अंतरिम बजट सत्र 2024 के लिए लोकसभा में लोक परीक्षा (अनुचित साधनों का निवारण) विधेयक, 2024' सोमवार को पेश किया.

दरअसल, पिछले कुछ वर्षों के दौरान प्रतियोगिता परीक्षाओं में गड़बड़ियों के कई मामले सामने आए. इससे इन परीक्षाओं में शामिल हुए अभ्यर्थियों को काफी दिक्कतों को सामना करना पड़ा. उम्मीद की जा रही है कि लोक परीक्षा (अनुचित साधनों का निवारण) विधेयक, 2024' के पास होने पर देश में प्रतियोगिता परीक्षाओं में किसी भी गड़बड़ियों पर नकेल कसा जा सकेगा.

इस विधेयक में प्रतियोगिता परीक्षाओं में धांधली और अनियमितताओं से जुड़े अपराध को लेकर सख्त सजा का प्रावधान किया गया है. इससे जुड़े अपराध के लिए अधिकतम 10 साल तक की जेल और एक करोड़ रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान किया गया है.

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इस विधेयक में संगठित अपराध, माफिया और साठगांठ में शामिल पाए गए लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. पूरे मामले की जांच के लिए हाई टेक्नॉलाजी का भी इस्तेमाल किया जाएगा, जिससे इंटरनेट और कम्प्यूटर के द्वारा किए जाने वाले गड़बड़ियों पर रोक लगाई जा सके. बिल के प्रमुख बिंदु...

- पेपर लीक या फिर नकल करवाने में दोषी पाए गए तो तीन से पांच साल की जेल, 10 लाख रु. तक का जुर्माना लगाया जा सकता है.

- अगर इस मामले में किसी भी इंस्टीट्यूट की भागीदारी होती है, तो उससे पूरा खर्च वसूला जाएगा. इंस्टीट्यूट की पूरी संपत्ति भी जब्त की जा सकती है. उस पर एक करोड़ रु का फाइन लगाया जा सकता है.

- इसी तरह से उस इंस्टीट्यूट के प्रबंधन और निदेशक पर भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

- अगर आपकी जगह पर कोई दूसरा शख्स परीक्षा देते हुए पकड़ा गया, तो इसमें भी आपको तीन से पांच साल की जेल और 10 साल का जुर्माना लगेगा.

- केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए कानून के अधीन यूपीएससी, एसएससी, रेलवे, बैंकिंग, एनटीए और केंद्र द्वारा आयोजित होने वाली सभी परीक्षाओं पर इसे लागू किया जाएगा.

इस मुहिम में अब राज्य सरकार भी शामिल हो गई है. असम सरकार ने इसे लेकर बड़ा कदम उठाया है. असम सरकार ने भी एक बिल पेश किया है जिसमें प्रतियोगिता परीक्षाओं में धांधली और गड़बड़ी करने वालों के खिलाफ सख्त सजा का प्रावधान किया गया है. इसके तहत अधिकतम 10 साल कैद और 10 लाख रुपये का जुर्माना का प्रावधान किया गया है.

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार 2017-23 के बीच पेपर लीक के 70 से अधिक मामले सामने आए हैं. इस वजह से डेढ़ करोड़ से अधिक छात्र प्रभावित हुए हैं.

कुछ लोगों का मानना है कि केंद्र सरकार द्वारा कानून बनाए जाने के बाद भी नकल या फिर पेपर लीक का मामला थमेगा या नहीं, कहना मुश्किल है, क्योंकि राजस्थान, गुजरात, उत्तराखंड और हरियाणा में पेपर लीक के खिलाफ कानून पहले से लागू हैं. राजस्थान में तो पेपर लीक मामले में उम्रकैद की सजा तक का प्रावधान है. हरियाणा के कानून के अनुसार दोषी की संपत्ति नीलाम कर खर्च वसूला जा सकता है.

विधेयक पर छात्रों की प्रतिक्रिया -सरकारी नौकरी के इच्छुक उम्मीदवारों ने विभिन्न सार्वजनिक परीक्षाओं में धोखाधड़ी और अन्य अनुचित साधनों पर अंकुश लगाने के लिए विधेयक, सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) विधेयक, 2024 पेश होने के बाद केंद्र सरकार के कदम का स्वागत किया. उन्होंने कहा कि परीक्षा में नकल के संबंध में विशिष्ट कानून के अभाव में मेहनती और ईमानदार परीक्षार्थियों को परीक्षा रद्द होने, पैसे की हानि और कीमती समय की हानि सहित विभिन्न समस्याओं का सामना करना पड़ता है.

दिल्ली में मेडिकल परीक्षा की तैयारी करने वाली उम्मीदवार मेघा शर्मा ने ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए कहा, 'एक बार जब यह विधेयक एक अधिनियम के रूप में लागू हो जाएगा, तो मेरे जैसे नौकरी चाहने वालों को खुशी होगी. यह अधिनियम प्रवेश परीक्षाओं में धोखाधड़ी को नियंत्रित करने में मदद करेगा. परीक्षाओं में गड़बड़ी के कारण, ईमानदार परीक्षार्थियों को चयन प्रक्रिया में उचित मौका नहीं मिलता है.

इसी तरह कई अन्य नौकरी चाहने वाले जो देश भर में विभिन्न स्थानों पर प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं, अब आश्वस्त हैं कि एक बार विधेयक अधिनियम बन जाने के बाद, यह चयन प्रक्रिया में सभी के लिए उचित आधार प्रदान करने में मदद करेगा.

प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी करने वाले वंश कुमार सिंह ने कहा, 'धोखाधड़ी विरोधी विधेयक परीक्षाओं को पास करने के लिए अनुचित साधनों के उपयोग को रोकने में मदद करेगा. अतीत में कई बार हमने देखा है कि पेपर लीक, नकल और गैजेट्स के अनुचित उपयोग के कारण परीक्षाएं रद्द कर दी गईं. जब भी परीक्षा रद्द होती है तो हमें दुख होता है क्योंकि इससे हमारे ईमानदार प्रयास और कीमती समय बर्बाद होता है.

प्रवेश परीक्षा की तैयारी कर रहे उज्जवल कश्यप ने कहा, 'लाखों उम्मीदवार प्रवेश परीक्षा में शामिल होते हैं. इनमें से ज्यादातर छात्र मध्यम वर्गीय परिवारों से होते हैं जो तैयारी के दौरान कोचिंग फीस, किताबों और आवास पर मोटी रकम खर्च करते हैं. हालांकि, जब उन्हें पता चलता है नकल के कारण परीक्षा रद्द होने की स्थिति में उन्हें दुख होता है. यह नया विधेयक उनके लिए आशा की नई किरण है.'

ये भी पढ़ें- प्रतियोगी परीक्षाओं में गड़बड़ी से निपटने के प्रावधान वाला विधेयक लोकसभा में पेश
Last Updated : Feb 6, 2024, 7:04 PM IST

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