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किंग चार्ल्स और क्वीन कैमिला का निजी दौरा, बेंगलुरु में गुजारे 3 दिन

ब्रिटेन के किंग चार्ल्स ने तीन दिन के निजी दौरे पर बेंगलुरु पहुंचे. इस दौरान क्वीन कैमिला भी उनके साथ रहीं.

किंग चार्ल्स और क्वीन कैमिला
किंग चार्ल्स और क्वीन कैमिला (ANI)

By PTI

Published : 4 hours ago

बेंगलुरु: ब्रिटेन के किंग चार्ल्स ने यहां एक विशाल इंटिग्रेटेड मेडिकल फैसिलिटी में ट्रीटमेंट के लिए बेंगलुरू का निजी दौरा किया. इस बात जानकारी बुधवार को सूत्रों ने दी. एक अधिकारी ने बताया कि क्वीन कैमिला के साथ वे हॉलिस्टिक हेल्थ सेंटर में रुके. इसे योग, मेडिटेशन सेशन और ट्रीटमेंट के लिए जाना जाता है.

सामेथनहल्ली में इंटरनेशनल हॉलिस्टिक सेंटर 'SOUKYA', में राजा की यह पहली यात्रा नहीं थी. इससे पहले उन्होंने 2019 में यहां अपना 71वां जन्मदिन मनाया था. इसका संचालन डॉ. इसाक मथाई करते हैं. वह पिछले साल 6 मई को यूके के राजा के रूप में उनके राज्याभिषेक में शामिल होने के लिए भारत से आमंत्रित किए गए कुछ व्यक्तियों में शामिल थे.

फैसेलिटी के एक अधिकारी ने कहा, "दंपति ने चिकित्सीय योग किया. इस दौरान उन्होंने अंडे के साथ पूरी तरह शाकाहारी भोजन का आनंद लिया. उन्होंने रीजूवेनेटिव ट्रीटमेंट लिया, जिसमें ध्यान और उपचार भी शामिल थे."

उन्होंने बताया कि किंग चार्लस ने आयुर्वेद, होम्योपैथी और प्राकृतिक चिकित्सा सहित स्वास्थ्य उपचार प्राप्त किया. यह उनके लिए एक सामान्य दिन की तरह होता था, ठीक वैसे ही जैसे सुविधा में आने वाले किसी भी अन्य अतिथि के लिए होता है. उनके दिन की शुरुआत सुबह के चिकित्सीय योग से होती, जिसे चिकित्सा स्थिति या किसी भी स्वास्थ्य समस्या के बारे में जानने वाले विशेषज्ञ चिकित्सक द्वारा सिखाया जाता.

वन-ऑन-वन सेशन
अधिकारी ने कहा कि आमतौर पर उनका वन-ऑन-वन सेशन होता था. नाश्ते के बाद, फिर उपचार और दोपहर का लंच. उन्होंने बताया कि भोजन परिसर के फार्म से प्राप्त फ्रेश ओर्गेनिक प्रोडक्ट से तैयार किया जाता और शाम को ध्यान लगाया जाता था.

अधिकारी ने पीटीआई को बताया, "यहां उनके दिन ऐसे ही बीतते थे. यह हर अतिथि के लिए किया जाता है. केवल अंतर यह है कि प्रत्येक व्यक्ति की चिकित्सा स्थिति या स्वास्थ्य संबंधी समस्या के अनुसार हम इसे ठीक करते हैं."

ओर्गेनिक खेती और औषधीय उद्यान का दौरा
तीन दिवसीय प्रवास के दौरान उन्होंने ओर्गेनिक खेती और औषधीय उद्यान का दौरा किया. वह एक गौशाला भी गए, पर्यावरण के अनुकूल प्रथाओं में शामिल हुए और घास पर चले और इस तरह उन्होंने प्रकृति से जुड़ाव महसूस किया. अधिकारी ने कहा कि दंपति आज सुबह शहर से चले गए. उनके अनुसार किंग ने 30 एकड़ के परिसर के केंद्र में स्थित एक स्थान पर जकारांडा का पौधा भी लगाया.

सुविधा में दिए जाने वाले उपचार के बारे में जानकारी देते हुए, अधिकारी ने कहा, "हमारे समग्र दर्शन के अनुसार, हम व्यक्ति के मन, शरीर, आत्मा और विभिन्न चिकित्सा प्रणालियों के एकीकरण के साथ समग्र रूप से देखभाल करते हैं, जो बहुत ही अनूठा है." उन्होंने कहा कि किंग चार्ल्स पिछले 30-40 साल से इस कार्य से जुड़े हुए हैं और वे ब्रिटिश एसोसिएशन फॉर होलिस्टिक मेडिसिन एंड हेल्थकेयर के संरक्षक थे.

अधिकारी ने कहा कि वह (चार्ल्स) होम्योपैथी फैकल्टी के पैटरन हैं. इसलिए, वह इसमें सक्रिय रूप से शामिल हैं और उन्हें इसमें विश्वास है. ये सभी जैविक बागवानी और चिकित्सा बागवानी, संरक्षण, जल संचयन प्रणाली, सौर पैनल, बायोगैस प्लांट सभी उन्हें आकर्षित करते हैं.

चार्ल्स ने जैविक खेती वाले क्षेत्र का दौरा किया, जिसमें विभिन्न प्रकार की ताज़ी सब्जियाँ, नारियल और औषधीय उद्यान हैं, जिसमें हज़ारों औषधीय पौधे हैं। उन्होंने कहा, "सभी सब्जियाँ, अंडा और नारियल पानी जो उन्होंने (राजा चार्ल्स ने) खाया, सब कुछ खेत से था।"

आयुर्वेद के मुखर समर्थक रहे हैं किंग चार्ल्स
वह अप्रैल 2018 में लंदन में साइंस म्यूजियम में एक आयुर्वेदिक सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के शुभारंभ के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ ब्रिटेन की यात्रा के दौरान शामिल हुए थे, जिसका उद्देश्य योग और आयुर्वेद पर साक्ष्य-आधारित शोध के लिए अपनी तरह का पहला वैश्विक नेटवर्क बनाना है.

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