श्रीनगर: इस महीने के अंत तक श्रीनगर और कटरा के बीच ट्रेन सेवा शुरू होने वाली है, ऐसे में कश्मीर में व्यापार संगठन और जम्मू कश्मीर के लोग आगे दिल्ली के बीच सीधी ट्रेन कनेक्टिविटी की मांग कर रहे हैं. रेलवे विभाग ने जम्मू कश्मीर के बीच लंबे समय से प्रतीक्षित रेल-लिंक को पूरा कर लिया है और पिछले कुछ हफ्तों में इसके कई ट्रायल रन किए.
इसके बाद उत्तरी रेलवे ने 31 दिसंबर को कटरा और बारामुल्ला स्टेशनों के बीच ट्रेनों का टाइम शेड्यूल भी जारी किया. इस संबंध में रेलवे के एक अधिकारियों ने ईटीवी भारत को बताया कि कश्मीर जाने वाली ट्रेनें कटरा रेलवे स्टेशन पर रुकेंगी. इसके बहाद यात्री जम्मू और दिल्ली की ओर जाने के लिए दूसरी ट्रेन में सवार होंगे.
सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए अधिकारियों ने कहा कि कटरा स्टेशन ऐसा स्थान होगा, जहां यात्रियों को ट्रांस-शिपमेंट करना होगा. रेलवे अधिकारियों ने कश्मीर जाने वाले यात्रियों के लिए कटरा रेलवे स्टेशन पर प्लेटफार्म नंबर 1 निर्धारित किया है.
रेलवे अधिकारियों ने बताया, "जब कोई ट्रेन कश्मीर से आएगी, तो सभी यात्रियों को उसमें से उतरना होगा और स्टेशन के बाहर जाना होगा. उन्हें डिपार्चर लाउंज में अपने सामान को फिर से स्कैन करना होगा और फिर आगे की यात्रा के लिए प्लेटफॉर्म नंबर 1 पर खड़ी ट्रेन में चढ़ना होगा."
लोगों में नाराजगी
रेलवे अधिकारियों की इस व्यवस्था से कश्मीर की जनता, व्यापार संगठनों और राजनीतिक दलों में नाराजगी है. कश्मीर के मुख्य व्यापार संगठन कश्मीर चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (KCCI) ने दिल्ली-श्रीनगर रेल संपर्क की सराहना करते हुए कटरा में ट्रांसशिपमेंट के बजाय श्रीनगर और दिल्ली से जम्मू के लिए सीधी ट्रेनें चलाने की मांग की.
केसीसीआई के महासचिव फैज अहमद बख्शी ने कहा कि चैंबर केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से दिल्ली से श्रीनगर के लिए सीधी ट्रेन सेवा के उनके अनुरोध पर विचार करने का अनुरोध करता है. उन्होंने कहा कि चैंबर इन महत्वपूर्ण संपर्क परियोजनाओं को प्राथमिकता देने के लिए केंद्र सरकार और जम्मू-कश्मीर सरकार दोनों के प्रति आभार व्यक्त करता है, जो जम्मू-कश्मीर के परिवहन को नया आकार प्रदान करेंगी.
'मुख्य पड़ाव स्टेशन जम्मू में होना चाहिए'
वहीं, कश्मीर ट्रेडर्स एंड मैन्युफैक्चर्स फेडरेशन (KTMF) के चेयरमैन अबरार भट ने ईटीवी भारत को बताया कि इस रेल सर्विस से मौसम और राष्ट्रीय राजमार्ग के निर्माण संबंधी मुद्दों के कारण श्रीनगर और जम्मू के बीच संपर्क अवरोधों से बड़ी राहत मिलेगी. भट ने कहा, "यह ट्रेन कश्मीर और जम्मू के बीच सुगम और सभी मौसम में संपर्क को बढ़ावा देगी, लेकिन मुख्य पड़ाव स्टेशन जम्मू में होना चाहिए न कि कटरा में. सेवा निर्बाध होनी चाहिए और यात्रियों को कटरा स्टेशन पर ट्रेन से उतरने और चढ़ने के लिए नहीं कहा जाना चाहिए."
PDP ने आलोचना की
वहीं, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) के महासचिव मोहम्मद खुर्शीद आलम ने इस कदम की आलोचना करते हुए कहा कि यह कश्मीरियों के लिए सुविधा के बहुप्रचारित वादे को कमजोर करता है. आलम ने कहा, "सालों से हमें बताया गया कि कश्मीर के लिए ट्रेन सेवाओं से आम जनता को फायदा होगा और यात्रा आसान होगी. यह ताजा निर्देश साबित करता है कि कश्मीरी यात्रा सुविधा का अनुभव करने से कोसों दूर हैं. बड़ी धूमधाम से शुरू की गई ट्रेन सेवाएं दिखावा से ज्यादा कुछ नहीं साबित हो रही हैं."
क्या बोली कांग्रेस?
वहीं, कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रविंदर शर्मा ने ईटीवी भारत से कहा, "जम्मू राज्य की राजधानी है. हम चाहते हैं कि इसका महत्व बना रहे. यात्रियों को कोई असुविधा नहीं होनी चाहिए, चाहे वे कश्मीर से हों या जम्मू से. मुख्य डेस्टिनेशन श्रीनगर और जम्मू होना चाहिए."
उन्होंने कहा कि श्री माता विष्णो देवी श्राइन के तीर्थयात्रियों के लिए ट्रेनें कटरा स्टेशन पर रुकती हैं, लेकिन जम्मू और दिल्ली जाने वाले अन्य यात्रियों के लिए मुख्य स्टेशन जम्मू में होना चाहिए. ईटीवी भारत को सूत्रों से पता चला है कि मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला निर्बाध कनेक्टिविटी के लिए रेलवे अधिकारियों के साथ इस मुद्दे को उठाएंगे.
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