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कर्नाटक के मंत्री बी नागेंद्र ने दिया इस्तीफा, जानें मामला - Valmiki Corporation scam

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jun 6, 2024, 5:56 PM IST

Updated : Jun 6, 2024, 6:13 PM IST

Valmiki Corporation scam: 87 करोड़ रुपये के धोखाधड़ी मामले में कर्नाटक के मंत्री बी नागेंद्र का ने अपने पद से दिया इस्तीफा. पढ़ें पूरी खबर...

Valmiki Corporation scam
मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और मंत्री नागेंद्र (ETV Bharat)

बेंगलुरु:अवैध धन हस्तांतरण के आरोपों का सामना कर रहे मंत्री बी नागेंद्र ने अपने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने आज विधानसौदा में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस बारे में जानकारी दी. इससे पहले मीडिया से बातचीत के दौरान डिप्टी सीएम शिवकुमार ऐलान किया था कि मंत्री बी नागेंद्र ने स्वेच्छा से सिद्धारमैया मंत्रिमंडल से इस्तीफा देने का फैसला किया है. उन्होंने कहा था कि मंत्री नागेंद्र पार्टी और सरकार की गरिमा को नुकसान नहीं पहुंचाना चाहते हैं. इस वजह से उन्होंने यह बड़ा फैसला लिया. दरअसल, कर्नाटक सरकार में महर्षि वाल्मिकी जनजातीय विकास कॉरपोरेशन लिमिटेड (Valmiki Corporation scam) में हुए अवैध धन हस्तांतरण के मामले की जांच SIT और CBI जांच कर रही है.

इस मामले में हर दिन नई बातें और नए-नए आरोप सामने आ रहे हैं. अब मंत्री बी नागेंद्र के रिजाइन करने की भी बात सामने आई है. डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने गुरुवार को बताया कि नागेंद्र ने अपने ऊपर लगाए जा रहे आरोपों के बाद यह कदम उठाया है. इन आरोपों के बाद ही उन्होंने इस इस्तीफे की पेशकश की है.

डिप्टी सीएम शिवकुमार ने कही बड़ी बात
गुरुवार की सुबह, क्वींस रोड स्थित केपीसीसी कार्यालय के पास मीडिया से बातचीत करते हुए शिवकुमार ने विपक्षी दलों पर टिप्पणी की थी. उन्होंने मंत्री बी नागेंद्र के इस्तीफे की मांग कर रहे विपक्षी दलों को जवाब देते हुए कहा था कि मैंने गृह मंत्री नागेंद्र से चर्चा की है. वह इस अवैधानिक कृत्य में शामिल नहीं हैं. इसलिए उन्हें इस्तीफा देने की कोई जरूरत नहीं है. लेकिन नागेंद्र ने खुद इस्तीफा देने का फैसला किया है, क्योंकि वह पार्टी और सरकार की गरिमा को ठेस नहीं पहुंचाना चाहते. वह आज इस्तीफा दे सकते हैं. यह पूछे जाने पर कि क्या सरकार इस्तीफा स्वीकार करेगी, उन्होंने कहा था कि मुख्यमंत्री पार्टी आलाकमान से चर्चा करेंगे और निर्णय लेंगे.

मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने क्या कहा?
वहीं आज सुबह, कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया ने भी इस पर टिप्पणी की और कहा था कि करोड़ो रुपये के घोटाले की जांच के लिए गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) से बात करने और वरिष्ठ कैबिनेट सहयोगियों से चर्चा करने के बाद, मैं मंत्री बी नागेंद्र के खिलाफ आरोपों के बाद उनके इस्तीफे की मांग पर फैसला लूंगा. पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग की ओर से सीएम ने आज विधानसौध के पश्चिमी द्वार के पास दिवंगत पूर्व मुख्यमंत्री देवराज अरासु की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया, जिसका आयोजन पिछड़ा वर्ग विभाग द्वारा उनकी 42वीं श्रद्धांजलि सभा के तहत किया गया था और उसके बाद मीडिया से बात की.

वहीं, इधर कांग्रेस सरकार पर दबाव बनाने के लिए विपक्षी भाजपा ने विधान सौध से राजभवन तक विरोध मार्च निकाला और राज्यपाल थावरचंद गहलोत को याचिका देकर अनुसूचित जनजाति कल्याण मंत्री के इस्तीफे की मांग की.

कैसे प्रकाश में आया मामला
कर्नाटक महर्षि वाल्मीकि अनुसूचित जनजाति विकास निगम (केएमवीएसटीडीसी) के अधीक्षक चंद्रशेखरन पी (50) ने कथित तौर पर 26 मई को आत्महत्या कर ली थी. उन्होंने एक नोट छोड़ा था जिसमें उन्होंने वरिष्ठ अधिकारियों पर फंड की हेराफेरी करने के लिए दबाव डालने का आरोप लगाया था. इस मामले ने कर्नाटक में एक नए राजनीतिक विवाद को जन्म दे दिया.तेलंगाना और देश के अन्य हिस्सों में लोकसभा चुनावों में खर्च के लिए कुछ निजी खातों में बड़ी रकम ट्रांसफर करने के आरोप के बाद कांग्रेस सरकार दबाव में आ गई. सीबीआई ने अब मामले की जांच शुरू कर दी है.

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Last Updated : Jun 6, 2024, 6:13 PM IST

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