बेंगलुरु: कर्नाटक उच्च न्यायालय ने तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत जे जयललिता द्वारा अवैध रूप से अर्जित सोने के आभूषणों को तमिलनाडु सरकार को सौंपने की प्रक्रिया पर रोक लगा दी है, जो शहर की एक विशेष अदालत की निगरानी में थी. यह आदेश न्यायमूर्ति पीएम नवाज की अध्यक्षता वाली पीठ ने जयललिता की बेटी जे दीपा द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए पारित किया.
साथ ही राज्य सरकार को मामले को लेकर आपत्ति दर्ज कराने के लिए सूचित कर दिया गया है और सुनवाई 26 मई तक के लिए स्थगित कर दी गई है. सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि अपने ऊपर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने से पहले ही जयललिता की मौत हो गई. इस वजह से सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया है कि वह सभी आरोपों से मुक्त हैं.
वकील ने मांग की कि 'इसलिए, याचिकाकर्ता जयललिता की कानूनी उत्तराधिकारी है और उनके सभी सोने के गहने याचिकाकर्ता को सौंप दिए जाने चाहिए.' इस दलील को दर्ज करने वाली पीठ ने शहर की विशेष अदालत द्वारा कल से तमिलनाडु सरकार को सोने के गहने सौंपने की प्रक्रिया पर रोक लगा दी और आपत्तियां दर्ज करने के लिए नोटिस देने के बाद सुनवाई स्थगित कर दी.
क्या है स्पेशल कोर्ट का आदेश?