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मुडा जमीन आवंटन मामला: सीएम सिद्धारमैया के खिलाफ मुकदमा चलाने की राज्यपाल से इजाजत - Prosecution Against CM Siddaramaiah

Prosecution Against CM Siddaramaiah: कर्नाटक के राज्यपाल ने मुडा भूमि आवंटन मामले में सीएम सिद्धारमैया के खिलाफ केस दर्ज करने की पूर्व अनुमति प्रदान कर दी है.

Prosecution Against CM Siddaramaiah
मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और राज्यपाल थावर चंद गहलोत की फाइल फोटो. (ETV Bharat)

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Aug 17, 2024, 12:11 PM IST

Updated : Aug 17, 2024, 12:23 PM IST

बेंगलुरु: मुडा जमीन आवंटन में अवैध सांठगांठ को लेकर कर्नाटक के राज्यपाल थावर चंद गहलोत ने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति दे दी है. आरटीआई कार्यकर्ता टीजे अब्राहम स्नेहमई कृष्णा की शिकायत पर राज्यपाल ने सीएम के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति दे दी है.

इस बीच राजभवन से टीजे अब्राहम और स्नेहामाई कृष्णा को आज दोपहर 3 बजे राज्यपाल से मिलने की इजाजत दे दी गई है. 26 जुलाई को टीजे ने सीएम के खिलाफ केस दर्ज करने की इजाजत मांगी थी. इब्राहीम ने राज्यपाल को याचिका दी थी. इस संबंध में राज्यपाल ने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को कारण बताओ नोटिस जारी किया था.

राज्यपाल ऑफिस की ओर से जारी की गई विज्ञप्ति में कहा गया कि माननीय राज्यपाल के निर्देशानुसार, मैं याचिकाओं में उल्लिखित कथित अपराधों के लिए भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा 17 और भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 की धारा 218 के अंतर्गत मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के खिलाफ अभियोजन की मंजूरी के अनुरोध पर सक्षम प्राधिकारी के निर्णय की प्रति संलग्न कर रहा हूं.

सरकार को अस्थिर करने की साजिश : सिद्धारमैया

कर्नाटक के राज्यपाल द्वारा कथित MUDA घोटाले में उनके खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति दिए जाने पर मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा कि पूरा मंत्रिमंडल, पार्टी हाईकमान, सभी विधायक, एमएलसी, लोकसभा और राज्यसभा सांसद मेरे साथ हैं. महल के मैदान में आयोजित सम्मान समारोह के बाद सीएम ने टिप्पणी करते हुए कहा कि राज्यपाल केंद्र सरकार की कठपुतली हैं. उनके इस फैसले को सीएम ने चुनी हुई सरकार को अस्थिर करने की साजिश बताया. उन्होंने कहा कि हम असंवैधानिक फैसले के खिलाफ लड़ेंगे. सिद्धारमैया ने आरोप लगाया कि कर्नाटक राज्य की चुनी हुई सरकार को अस्थिर करने के लिए एक बड़ी साजिश रची गई है.

सिद्धारमैया ने कहा कि भाजपा, जेडीएस और राज्य के कुछ लोगों ने इस साजिश को अंजाम दिया है. उत्तराखंड, झारखंड, नई दिल्ली की तरह ही उन्होंने कर्नाटक में भी साजिश रची है. जाहिर है कि मेरे खिलाफ कोई मामला नहीं है. राज्यपाल का प्रस्ताव असंवैधानिक है. उन्होंने कहा कि अभियोजन की अनुमति पर सवाल उठाते हुए कानूनी लड़ाई लड़ी जाएगी.

सीएम ने कहा कि मेरे खिलाफ शिकायत के दिन ही कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था. राज्यपाल का यह कदम अपेक्षित था. विधायक, कैबिनेट मंत्री, पार्टी नेता सभी मेरे पक्ष में हैं. मेरे इस्तीफे का सवाल ही नहीं उठता. उन्होंने स्पष्ट किया कि राज्यपाल को राजनीतिक मोहरे के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है. भाजपा में मेरा इस्तीफा मांगने की कोई नैतिकता नहीं है. वे कांग्रेस सरकार और गारंटी योजनाओं की सफलता को बर्दाश्त नहीं कर सकते. वहीं विधानसभा में 10 मंत्रियों के साथ संयुक्त मीडिया कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि सिद्धारमैया हमारे सीएम हैं. उनके नेतृत्व में सरकार चलेगी. उन्होंने कहा कि राज्यपाल ने संविधान विरोधी और लोकतंत्र के लिए हानिकारक पत्र भेजा है. हमने राज्यपाल द्वारा भेजे गए नोटिस के संबंध में 1 अप्रैल को कैबिनेट की बैठक में निर्णय लिया था. शिकायत में कोई तथ्य नहीं है. यह एक राजनीतिक साजिश है.

इस मामले पर राज्य के उप मुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने कहा कि वह पूरी तरह से सीएम के साथ खड़े हैं. उन्होंने कहा कि यह राजनीतिक मामला है और हमलोग इसे कानूनी ढंग से लड़ेंगे.

भाजपा सांसद तेजस्वी सूर्याने इस मामले पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि यह बहुत ही गंभीर मामला है और सीएम के खिलाफ संगीन आरोप लगे हैं, लिहाजा जांच को विश्वसनीय बनाने के लिए जरूरी है कि सीएम इस्तीफा दें.

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Last Updated : Aug 17, 2024, 12:23 PM IST

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