शिवमोगा (कर्नाटक): बेंगलुरु के रामेश्वरम कैफे ब्लास्ट मामले की जांच के सिलसिले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने शिवमोगा जिले के तीर्थहल्ली से भाजपा कार्यकर्ता साई प्रसाद को हिरासत में लिया था. हालांकि एनआईए टीम ने पूछताछ के बाद उन्हें छोड़ दिया.
घर वापस आने के बाद में मीडिया से बात करते हुए साई प्रसाद ने कहा, एनआईए ने रामेश्वरम कैफे ब्लास्ट मामले में मुजम्मिल शरीफ को गिरफ्तार किया है और उससे पूछताछ कर रही है. इस जांच के तहत एनआईए ने तीन लोगों को नोटिस जारी किए गए. मुझे भी एक नोटिस मिला. हमें नहीं पता कि उन्होंने हमें नोटिस क्यों दिया. मतीन नाम के व्यक्ति ने Sai Slash_P नाम के अकाउंट से क्रिप्टो करेंसी का लेनदेन किया था. मेरे नाम से मिलने के कारण उन्होंने मुझे नोटिस दिया था.
साई प्रसाद ने कहा, मैंने क्रिप्टो नामक एक वैध ऐप से निवेश किया है. मैंने केवाईसी का उपयोग करके अपने बैंक खाते के माध्यम से निवेश किया. मैंने जांच अधिकारियों को इस बारे में सूचित कर दिया है. अधिकारियों ने हर तरह से जांच की और मुझे वापस भेज दिया. साथ ही मुजम्मिल से पूछताछ कर उसे जेल भेज दिया गया. हम और मुजम्मिल दोस्त हैं और मिलकर व्यवसाय करते हैं. मैंने एनआईए अधिकारियों को व्यवसाय के बारे में सब कुछ बता दिया है.
प्रसाद ने कहा, मैं भाजपा का एक छोटा सा कार्यकर्ता हूं. हम छोटी-छोटी पेंटिंग बनाकर गुजारा करते हैं. बिना सच सामने आए आरोप न लगाएं. मैंने कुछ गलत नहीं किया है. अगर मैं गलत हूं तो सीधे गोली मार दो. इस मामले में मेरी कोई भूमिका नहीं है. हम कोई राष्ट्रविरोधी गतिविधि नहीं करते. मैं एक हिंदू समर्थक संगठन से जुड़ा हूं. कल आपके बच्चे भी इसमें फंस सकते हैं. उन्होंने कहा कि जब देश की बात आती है तो पार्टी और जाति कोई मायने नहीं रखती. युवाओं को इस मामले की जानकारी होनी चाहिए.
एनआईए ने की मुख्य आरोपी और सह साजिशकर्ता की पहचान
एनआईए ने एक दिन पहले दावा किया था कि एक मार्च को बेंगलुरु के रामेश्वरम कैफे में विस्फोट को अंजाम देने वाले मुख्य आरोपी की पहचान मुसाविर हुसैन शाजिब और सह-साजिशकर्ता की पहचान अब्दुल मतीन ताहा के रूप में की गई है. दोनों कर्नाटक के शिवमोगा जिले के तीर्थहल्ली के निवासी हैं. एनआईए फरार आरोपियों का पता लगाने और उन्हें गिरफ्तार करने के प्रयासों के तहत कर्नाटक, तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश में 18 स्थानों पर तलाशी भी ली थी. एनआईए ने मुजम्मिल शरीफ को मुख्य आरोपी की सहायता करने के आरोप में 26 मार्च को गिरफ्तार किया था. जांच एजेंसी ने 29 मार्च को प्रत्येक भगोड़े की गिरफ्तारी के लिए सूचना देने पर 10 लाख रुपये के इनाम की घोषणा की थी.
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