जूनागढ़: गुजरात के जूनागढ़ में कुंभकर्ण की थाली काफी फेमस है. लंकापति रावण का छोटा भाई कुंभकर्ण का जिक्र आते ही हमें विशालकाय राक्षस का ख्याल आ जाता है. आज यहां हम कुंभकर्ण थाली का जिक्र कर रहे हैं. जैसा नाम वैसी थाली, जी हां, कुंभकर्ण थाली में 32 से ज्यादा लजीज खाने की चीजें शामिल हैं.
हालांकि, एक थाली कीमत 14,00 रुपये है. इसमें एक बड़ा चैलेंज भी है. अगर कोई व्यक्ति कुंभकर्ण थाली में रखे भोजन को 35 मिनट में खाकर खत्म कर देता है तो उसे रेस्तरां प्रबंधन की तरफ से 14 हजार नकद पुरस्कार दिया जाएगा. रेस्तरां प्रबंधन ने इसकी घोषणा की है.
यहां कुंभकर्ण कोई विशालकाय राक्षस नहीं बल्कि उनके नाम पर भोजन की बड़ी सी थाली है. पिछले आठ सालों से, जूनागढ़ में पटेल रेस्तरां कुंभकर्ण थाली नामक एक संपूर्ण लजीज व्यंजन बना रहा है, जिसके प्रशंसक पूरे गुजरात में है. जूनागढ़ आने पर ये प्रशंसक कुंभकर्ण थाल का स्वाद लेना नहीं भूलते. कुंभकर्ण थाली की शुरुआत साल 2016 में पटेल रेस्तरां के पूर्व प्रबंधक स्वर्गीय कैलाश सिंह ने की थी. जिसमें आज 32 से अधिक वस्तुओं से भरी एक पूरी थाली भोजन के रूप में ग्राहकों को पेश की जाती है.
कुंभकर्ण खुद ग्राहकों को परोसते हैं ये थाली
रेस्तरां में जब कोई ग्राहक भोजन के लिए आता है और कुंभकर्ण थाली का ऑर्डर देता है तो कुंभकर्ण की मूल पोशाक पहने एक रेस्तरां कर्मचारी ताम्र बजाते हुए कुंभकर्ण की थाली खाने के टेबल पर रखता है. रामायण काल की याद दिलाने वाली अपनी प्रस्तुति के कारण कुंभकर्ण थाली उपभोक्ताओं और जूनागढ़ के बीच भी खास पहचान बन गया है. इस थाली की एक और खासियत यह है कि पिछले आठ सालों में कोई भी पूरा थाल खाने में कामयाब नहीं हुआ है.