पटना: हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के पंचायत स्तरीय कार्यकर्ता सम्मेलन में पार्टी के संरक्षक और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझीने जमकर हुंकार भरी. उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को बता दिया कि उनके एहसान का बदला मांझी ने चुकता कर दिया है. जीतन राम मांझी ने कहा कि नीतीश कुमार ने एनडीए में आने का जो फैसला लिया है यह बहुत ही सराहनीय फैसला है. इसका उन्होंने खुले दिल से स्वागत किया. जब महागठबंधन में थे तो कहते थे हमारे साथ रहिए तो हम बताते थे कि आप आज जिनके साथ हैं उस पर विचार कीजिए.
'नीतीश के एहसान का बदला चुकता': जीतन राम मांझी ने कहा कि नीतीश कुमार अच्छे स्वभाव के व्यक्ति हैं. लेकिन पिछले दिनों गलत संगत में जाने के कारण व्यवहार बदल गया था. वह इस बात को स्वीकार करते हैं कि नीतीश कुमार ने उन्हें मुख्यमंत्री बनाया और उनके ऊपर एहसान किया. बार-बार नीतीश कुमार कहते हैं कि उन्हें वह मुख्यमंत्री बनाए हैं और सही भी है. लेकिन वह कहना चाहेंगे कि नीतीश कुमार के इस एहसान का बदला मांझी ने चुकता कर दिया है.
''विधानसभा में वोटिंग के दौरान अध्यक्ष पद के लिए 125 वोट पड़े थे और 122 वोट चाहिए थे. अगर 121 वोट पड़ जाते तो अटल बिहारी वाजपेई की सरकार की तरह बिहार में भी यह सरकार गिर जाती. लेकिन चट्टान की तरह वह अपने चार विधायकों के साथ एनडीए के साथ एकजुट रहे.''- जीतन राम मांझी, HAM संरक्षक
हम ने नीतीश की कुर्सी जाने से बचाया: जीतन राम मांझी ने कहा कि दूसरे गठबंधन के लोग उन्हें मुख्यमंत्री पद का प्रलोभन दे रहे थे. कह रहे थे आप हमारे साथ आ जाइए, उधर के 10 विधायक भी आपके साथ आ जाएंगे और आप मुख्यमंत्री बन जाइए. लेकिन उन्होंने अपनी चार विधायकों के साथ इस सरकार को बचाया और नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री बनाया. इस प्रकार उन्होंने नीतीश कुमार के उन्हें मुख्यमंत्री बनाए जाने के एहसान का बदला भी चुकता कर दिया है.
बिहार में गुजरात मॉडल की शराबबंदी की डिमांड: इस कार्यक्रम के दौरान उन्होंने अपने 9 महीने के सरकार के कार्यकाल के दौरान लिए गए प्रमुख 34 फसलों को गिनाया. अपने कार्यकर्ताओं से कहा कि अब तीन डिसमिल जमीन नहीं बल्कि 5 डिसमिल जमीन के लिए सरकार से मांग करो. शिक्षित बेरोजगार नौजवानों को ₹5000 भत्ता प्रति माह मिलना चाहिए. जीतन राम मांझी ने शराबबंदी कानून पर भी बोलते हुए कहा कि इस कानून से गरीब लोग प्रताड़ित हो रहे हैं.
20 विधायक होने पर बदल देंगे कानून : शराबबंदी को उन्होंने इस बार इनकार तो नहीं किया लेकिन बिहार में गुजरात मॉडल पर शराबबंदी लागू करने की मांग उन्होंने छेड़ दी है. उन्होंने कहा कि आज उनके चार विधायक हैं और 2025 में यदि उनके 20 विधायक भी बन जाते हैं तो वह शराबबंदी खत्म करा देंगे. गुजरात की तर्ज पर बिहार में भी शराबबंदी लागू होनी चाहिए. वह मानते हैं शराब पीना बुरी चीज है, लेकिन गरीब लोग इसमें पिस रहे हैं.
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