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जर्नलिस्ट फेडरेशन ऑफ कश्मीर ने पत्रकार इरफान मेहराज की तत्काल रिहाई का आग्रह किया - Kashmiri journalist Irfan Mehraj - KASHMIRI JOURNALIST IRFAN MEHRAJ

Kashmiri journalist Irfan Mehraj: जर्नलिस्ट फेडरेशन ऑफ कश्मीर ने एक पत्र जारी करते हुए निवेदन किया है कि पत्रकार इरफान मेहराज को तत्काल रिहाई दी जाए. बता दें, मेहराज को 20 मार्च, 2023 से राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने हिरासत में लिया था पढ़ें पूरी खबर...

Kashmiri journalist Irfan Mehraj
जेएफके ने कश्मीरी पत्रकार इरफान मेहराज की तत्काल रिहाई का आग्रह किया

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Mar 21, 2024, 5:42 PM IST

श्रीनगर (जम्मू एंड कश्मीर): जर्नलिस्ट फेडरेशन ऑफ कश्मीर (जेएफके) ने कश्मीरी पत्रकार इरफान मेहराज की तत्काल रिहाई के लिए एक निवेदन पूर्ण याचिका है. पत्रकार इरफान मेहराज को 20 मार्च, 2023 से राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने हिरासत में लिया था. इरफान फिलहाल दिल्ली की जेल में बंद हैं, कश्मीरी पत्रकार इरफान मेहराज को भारत की राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने आतंकवाद के आरोप में गिरफ्तार किया था.

जेएफके ने अपने निवेदन में कहा है कि जर्नलिस्ट फेडरेशन ऑफ कश्मीर (जेएफके) जेल में बंद कश्मीरी पत्रकार इरफान मेहराज की तत्काल रिहाई की पुरजोर वकालत करता है. उन्हें 20 मार्च, 2023 को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने हिरासत में लिया था और तब से वह दिल्ली की जेल में बंद हैं. पिछले एक साल में, उनकी गिरफ्तारी की दुनिया भर के मीडिया निगरानीकर्ताओं और मानवाधिकार संगठनों ने व्यापक निंदा की है. मेहराज एक मेहनती पत्रकार हैं जिनका योगदान विभिन्न स्थानीय, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय प्लेटफार्मों पर प्रदर्शित हुआ है.

उन्होंने डॉयचे वेले (डीडब्ल्यू) और अल जजीरा सहित अंतरराष्ट्रीय प्रसारकों में नियमित रूप से योगदान दिया. उनका काम द कारवां, हिमल मैगजीन, ब्राइटर कश्मीर और राइजिंग कश्मीर में भी छपा है. जेएफके आसिफ सुल्तान, सज्जाद गुल और माजिद हैदरी सहित अन्य कश्मीरी पत्रकारों की निरंतर कारावास की भी निंदा करता है.पत्रकारों की निरंतर कारावास को कश्मीर में पत्रकारों को डराने-धमकाने की रणनीति के हिस्से के रूप में देखता है, जहां वे लंबे समय से अपने जीवन और स्वतंत्रता के खतरों के बावजूद प्रेस की स्वतंत्रता के मूल्यों को बनाए रखते हुए खतरनाक परिस्थितियों में काम कर रहे हैं.

जर्नलिस्ट फेडरेशन ऑफ कश्मीर ने एक पत्र को जारी करते हुए जो निवेदन किया है उसमें यह भी कहा कि स्वतंत्र भाषण और प्रेस की स्वतंत्रता लोकतंत्र और प्रगति के अपरिहार्य स्तंभ हैं. इन अधिकारों पर कोई भी अतिक्रमण केवल लोकतांत्रिक संस्थानों के उचित कामकाज को कमजोर करेगा, जिससे संभावित रूप से समाजों और उनके शासी निकायों के लिए विनाशकारी परिणाम होंगे. कश्मीर में मीडिया परिदृश्य के बिगड़ने और समाचार रिपोर्टर के रूप में सोशल मीडिया प्रभावशाली लोगों के उभरने के बीच भी एक संबंध है, जिसके कारण पत्रकारिता के मानकों में गिरावट आसन्न हो गई है.

जेएफके ने दोहराया है कि किसी समाज में जीवंत प्रेस के पनपने के लिए, अधिकारियों को प्रेस की स्वतंत्रता के सम्मान के खोखले दावों से आगे बढ़ना होगा और एक अनुकूल माहौल की दिशा में काम करना होगा, जहां एक पत्रकार जमीनी स्तर पर तथ्यों की रिपोर्ट कर सके, बिना किसी गिरफ़्तारी के डर के और धमकी के सोशल मीडिया पर राय व्यक्त कर सकें.

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