पटना:बिहार के जहानाबाद के पहाड़ी पर स्थितसिद्धेश्वरनाथ मंदिर में मची भगदड़में 7 लोगों की जान चली गई. ऐसा पहली बार नहीं है, जब बिहार और देशभर में किसी पर्व त्यौहार में मंदिर में भगदड़ मची और कई लोगों ने अपनी जान गंवाई हो. पिछले कुछ सालों में कई बड़ी घटना घटी, जिसमें कई लोगों की मौत हुई.
2 जुलाई 2024, हाथरस भगदड़ में 121 की मौत:उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में भगदड़ में कम से कम 121 लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए. हाथरस जिले में एक धार्मिक सभा में प्रवचन सुनने के लिए बड़ी भीड़ जमा हुई थी.
1 जनवरी, 2022, वैष्णो देवी मंदिर में भगदड़ :जम्मू-कश्मीर में माता वैष्णो देवी मंदिर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के कारण मची भगदड़ मची और 12 लोगों की मौत हो गई. इस हादसे में एक दर्जन से अधिक लोग घायल हो गए.
21 अप्रैल 2019, तमिलनाडु में 7 की मौत :साल 2019 तमिलनाडु के त्रिची में मुथायम्पलयम गांव में करुप्पासामी मंदिर में भगदड़ मच गई. इस हादसे में 7 लोगों की मौत हो गई. बताया जाता है कि मंदिर में मूर्ति के सामने श्रद्धालु पुजारी से सिक्के जमा किए जा रहे थे. इसी दौरान हादसा हो गया.
10 अगस्त 2015, बाबाधाम भगदड़ में 11 की मौत :साल 2015, झारखंड के देवघर में बाबाधाम मेला के दौरान जब मंदिर का कपाट खुला तो बैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग के दर्शन के दौरान भगदड़ मच गई. हादसे में 11 लोगों की मौत हो गई, जबकि 50 से ज्यादा लोग घायल हुए थे.
14 अगस्त 2015, गोदावरी पुष्कर मेले में भगदड़ :आंध्रप्रदेश के राजामुंद्री के 'कोठागम्मा' स्नान घाट पर भगदड़ में 27 लोगों की जान चली गई. यहां हजारों श्रद्धालु स्नान करने पहुंचे थे. बताया गया कि भीड़ ज्यादा होने से यह हादसा हुआ था.
3 अक्टूबर 2014, पटना में मची थी भगदड़ :साल 2014, पटना के गांधी मैदान में दशहरा के मौके पर रावण दहन पर भगदड़ में 42 लोगों की जान चली गई थी. इस हादसे में 100 से ज्यादा लोग घायल हुए थे.
24 अगस्त 2014, सतना भगदड़ में 10 की मौत :मध्यप्रदेश के सतना जिले में कामता नाथ मंदिर में अफवाह के कारण भगदड़ में 10 लोगों की मौत हो गई, जबकि 20 घायल हुए. बताया गया कि भगदड़ की घटना उस वक्त हुई जब श्रद्धालु चित्रकूट में कामता नाथ मंदिर के नजदीक एक पहाड़ी की परिक्रमा कर रहे थे.
13 अक्टूबर 2013, दतिया के मंदिर में भगदड़ :मध्य प्रदेश के दतिया में रतनगढ़ के पास नवरात्रि उत्सव के दौरान भगदड़ मची, जिसमें 89 लोगों की जान चली गई थी और 100 से ज्यादा लोग घायल हुए थे. बताया गया कि मंदिर की ओर जाने वाले सिंध नदी पर बने पुल पर लाखों श्रद्धालु जमा हुए थे, अफवाह फैली और अफरातफरी के बीच पुल ढह गया.