शिवपुरी:देश के कई राज्यों में बारिश से हालत खराब है. मध्य प्रदेश में लगातार हो रही भारी बारिश के चलते कई जिलों में नदी-नाले उफान पर हैं. यहां तक की एक के बाद एक बांध भी लबालब होते जा रहे हैं. ऐसे में आए दिन छत टपकने, स्कूलों की जर्जर छत, दीवार या बिल्डिंग गिरने की भी खबरें खूब आ रही हैं. प्रशासन द्वारा अब जर्जर मकानों और बिल्डिंगों को गिराने का काम किया जा रहा है. इसी क्रम में शिवपुरी में मशहूर गीतकार व लेखक जावेद अख्तर की पुस्तैनी हवेली गिरने की खबर सामने आ रही है.
शिवपुरी में गिरी जावेद अख्तर की पुस्तैनी हवेली
शिवपुरी जिले में हो रही बारिश से मकानों में नमी आने के चलते घर, भवन व बिल्डिंग भर भराकर गिर रहे हैं. गुरुवार को शिवपुरी के देहात थाना क्षेत्र के बड़ा बाजार कमलीगर मोहल्ले में देश के मशहूर हिन्दी फिल्मों के गीतकार व पटकथा लेखक जावेद अख्तर की पुस्तैनी हवेली की करीब 40 फीट लंबी दीवार धरासायी हो गई. बताया जा रहा है कि इस हवेली का निर्माण 1942 में हुआ था. 1945 में मशहूर कवी जावेद अख्तर का जन्म शिवपुरी में हुआ था. तीन साल तक उनका बचपन शिवपुरी में ही बीता था. इसके बाद उनके परिवार ने शिवपुरी छोड़ दिया था.
शिवपुरी के इसी हवेली में हुआ था जावेद अख्त का जन्म
यह हवेली पुरानी शिवपुरी के बड़ा बाजार कमलीगर मोहल्ले में स्थित है. बीती रात जर्जर होने की वजह से हवेली की करीब 40 फीट की दीवार धरासाई हो गई. सूचना के बाद प्रशासन ने जर्जर हवेली को ढहाने का कार्य शुरू कर दिया है. इस हवेली के पड़ोस में रहने वाले अजमत अली बताते हैं कि 'जावेद अख्तर के दादा मुख्तर खैराबादी ग्वालियर स्टेट में जज थे. 1942 के दौर में वह इसी हवेली में अपने बेटे जां निसार अख्तर के साथ इसी हवेली में रहते थे. 1945 में जावेद अख्तर का जन्म हुआ था. जावेद अख्तर करीब तीन साल गुजारने के बाद उनका परिवार ग्वालियर चला गया था.
इसके बाद वे ग्वालियर रहने चले गए थे. फिर वह भोपाल रहे थे. तीन माह पहले जावेद अख्तर से उनकी फोन पर बात भी हुई थी. उन्होंने अपनी जन्म स्थली पर चर्चा भी की थी.' बता दें जावेद अख्तर ने सीता-गीता, दीवार, जंजीर और शोले की कहानी और संवाद लिखे थे. जावेद अख्तर और सलीम खान की जोड़ी देश में फेमस थी.