जम्मू: सोमवार को जम्मू के सुंदरबनी सेक्टर में शुरू हुए मुठभेड़ में सुरक्षा बलों ने मंगलवार सुबह तक तीन आतंकवादियों को मार गिराया है. यह मुठभेड़ सोमवार को सुबह सात बजे तब शुरू हुई जब आतंकवादियों के एक समूह ने सेना की एक एम्बुलेंस को निशाना बनाया था. सेना की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि रात भर लगातार निगरानी के बाद आज सुबह भीषण गोलीबारी हुई, जिसके परिणामस्वरूप हमारे सुरक्षा बलों को महत्वपूर्ण जीत मिली.
एक्स पर सेना की व्हाइट नाइट कोर की ओर से जारी बयान में कहा गया कि अथक अभियान और सामरिक उत्कृष्टता के कारण तीन आतंकवादियों को मार गिराया गया. अभियान में युद्ध में इस्तेमाल होने वाले हथियारों का भंडार भी बरामद करने में सफलता मिली है. सेना ने अपने बयान में अभियान को क्षेत्र में सुरक्षा बनाए रखने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया है.
पहरेदारी में लगे सेना के जवान. (ETV Bharat)
अखनूर सेक्टर के बट्टल इलाके में सोमवार को सेना के काफिले पर आतंकवादियों द्वारा की गई गोलीबारी के बाद घेराबंदी और तलाशी अभियान जारी है. बता दें कि, जम्मू शहर से 28 किलोमीटर दूर अखनूर के सुंदरबनी सेक्टर में एलओसी के पास बट्टल केरी-जोगवान से गुजर रहे सेना के काफिले में शामिल एक सैन्य एम्बुलेंस पर हमले के बाद सोमवार सुबह जवाबी कार्रवाई में एक आतंकवादी मारा गया.
मुठभेड़ की शुरुआती दौर में एक सैन्य अधिकारी ने बताया था कि जवाबी कार्रवाई में कोई भी सैनिक घायल नहीं हुआ. इलाके की घेराबंदी कर दी गई है. मुठभेड़ फिलहाल जारी है. मौके पर अतिरिक्त बल भेजे गये हैं. भाग रहे आतंकवादियों को पकड़ने के लिए तलाशी अभियान चला जा रहा है.
पहरेदारी में लगे सेना के जवान. (ETV Bharat)
फिर रात में सेना की व्हाइट नाइट कोर ने घोषणा की कि गोलीबारी के दौरान सैन्य हमलावर कुत्ते फैंटम की गोली लगने से मौत हो गई. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, जम्मू-कश्मीर पुलिस ने तीन आतंकवादियों के मारे जाने की खबरों को खारिज कर दिया. एक अधिकारी ने कहा कि हम जनता से शांत रहने और असत्यापित जानकारी फैलाने से बचने का आग्रह करते हैं.
सेना का अधिकृत क्षेत्र. (ETV Bharat)
मीडिया रिपोर्ट में एक सुरक्षा सूत्र के हवाले से बताया गया है कि तीन आतंकवादी असन गांव में एक शिव मंदिर में घुस गए और कॉल करने के लिए मोबाइल फोन खोज रहे थे, जब उन्होंने देखा कि सैन्य एम्बुलेंस वहां से गुजर रही है. सूत्र ने कहा कि माना जाता है कि एम्बुलेंस को एक दर्जन गोलियां लगी हैं. निवासियों ने बताया कि कैसे आतंकवादियों ने हमले से पहले मंदिर के पास बच्चों के एक समूह से मोबाइल फोन के बारे में पूछा था. एक निवासी ने कहा कि कोई फोन न मिलने पर उन्होंने बच्चों से भागने को कहा.
पहरेदारी में लगे सेना के जवान. (ETV Bharat)
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, सुरक्षा बलों को संदेह है कि इन आतंकवादियों ने हाल ही में घुसपैठ की है. ये कुछ दिन पहले किसी तरह से मुठभेड़ स्थल से सिर्फ दो किमी दूर नियंत्रण रेखा को पार करने में कामयाब रहे. आतंकवादियों को मार गिराने के लिए एनएसजी कमांडो की एक विशेष टीम सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में शामिल है. अधिकारियों ने कहा कि मुठभेड़ स्थल पर पैदल सेना के लड़ाकू वाहन बीएमपी-II को तैनात किया गया था, जिसे एपीसी ‘सारथ’ के नाम से भी जाना जाता है.
ड्रोन के मदद से रखी गई निगरानी. (ETV Bharat)
अक्टूबर के मध्य से कश्मीर में हिंसा की श्रृंखला में 12 लोगों की मौत के बाद यह जम्मू क्षेत्र में पहला हमला है. 14 अक्टूबर को, आतंकवादियों ने बारामुल्ला में गुलमर्ग के पास एक सैन्य ट्रक पर घात लगाकर हमला किया, जिसमें दो सैनिक और दो कुली मारे गए. 18 अक्टूबर को शोपियां जिले में बिहार के एक प्रवासी श्रमिक की हत्या कर दी गई, जबकि 20 अक्टूबर को गंदेरबल जिले में एक सुरंग-निर्माण कंपनी के सात कर्मचारियों की गोली मारकर हत्या कर दी गई.
अखनूर ने अतीत में कई आतंकवादी हमले देखे हैं, जिसमें जनवरी 2003 में टांडा रोड पर एक सेना शिविर पर तीन सदस्यीय फिदायीन दस्ते द्वारा किया गया हमला भी शामिल है. उस हमले में एक ब्रिगेडियर और सात विशेष बल के जवान मारे गए थे, जब शीर्ष सैन्य अधिकारी एक कार्यक्रम के लिए वहां एकत्र हुए थे. इस घटना में उत्तरी कमान के तत्कालीन जीओसी-इन-सी लेफ्टिनेंट जनरल हरि प्रसाद, जम्मू स्थित 16 कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल टीपीएस बराड़, 10 इन्फैंट्री डिवीजन के जीओसी मेजर जनरल टीके सप्रू, एक ब्रिगेडियर और दो कर्नल सहित एक दर्जन लोग घायल हो गए थे.
कमांड सेंटर से अभियान की मॉनेटरिंग करते अधिकारी. (ETV Bharat)