नई दिल्ली : भाजपा ने जम्मू में 47 सीटों पर चुनाव लड़ा. कांग्रेस ने 30 और नेशनल कांफ्रेंस ने 17 सीटों पर चुनाव लड़ा है. चार सीटों पर एनसी और कांग्रेस आमने-सामने है. भाजपा यहां पर मुख्य रूप से पहाड़ी समुदाय और पादरी जनजाति से उम्मीद लगा रही है. अनुच्छेद 370 के हटने के बाद इन दोनों समुदायों को एसटी स्टेटस प्रदान किया गया है. जम्मू में छह सीटें एसटी के लिए आरक्षित हैं. तीन सीटें कश्मीर में एसटी के लिए रिजर्वर्ड हैं.
जम्मू की छह आरक्षित सीटों में से पांच सीटें राजौरी-पूंछ जिले में पड़ती हैं. यहां पर पहाड़ी समुदाय का बहुमत है. यह पहली बार है कि जम्मू कश्मीर में चुनाव हो रहे हैं और एसटी के लिए सीटें आरक्षित की गई हैं.
इसी तरह से पद्दार विधानसभा को लेकर भी खबर है कि भाजपा को यहां फायदा पहुंच सकता है. इस सीट को हाल ही में बनाया गया है. इस विधानसभा क्षेत्र में पहाड़ी, गड्डा ब्राह्मण और कोली बहुतायत में रहते हैं.
जहां तक गुज्जर समुदाय का सवाल है तो मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक वे भाजपा से नाराज बताए जा रहे हैं. नेशनल कॉन्फ्रेंस को उम्मीद है कि उन्हें गुज्जर समुदाय का व्यापक समर्थन मिलेगा. गुज्जर समुदाय यह नहीं चाहते थे कि पहाड़ी समुदाय को एसटी का दर्जा दिया जाए. उनके अनुसार ऐसा होने से उनके राजनीतिक आरक्षण पर असर पड़ना तय है.