बिरहोर आदिवासियों के लिए जीवन किया समर्पित, नहीं की शादी 40 साल रहे नंगे पांव, अब पद्मश्री से सम्मानित होंगे जागेश्वर यादव - जागेश्वर यादव
Jageshwar Yadav Awarded Padmashree जशपुर जिले के बादलखोल अभ्यारण्य क्षेत्र के घने जंगलों के बीच भीतरघरा गांव के निवासी जागेश्वर राम यादव को भारत सरकार ने पद्मश्री देने का ऐलान किया है. जागेश्वर ने अपना पूरा जीवन बिरहोर आदिवासियों के उत्थान में लगाया है.
जशपुर :छत्तीसगढ़ के जशपुर निवासी जागेश्वर यादव को इस साल पद्मश्री सम्मान के लिए चुना गया है.आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र से पद्मश्री के लिए किसी का चुना जाना सम्मान की बात है.आपको बता दें कि भारत सरकार ने बिरहोर आदिवासियों के उत्थान के लिए अपना जीवन देने वाले जागेश्वर यादव को इस सम्मान के लिए चुना.जागेश्वर यादव ने विशेष संरक्षित जनजाति बिरहोर को समाज की मुख्य धारा से जोड़ने के लिए बीते ढ़ाई दशक से निरंतर काम किया है.
बिरहोर समाज के लिए जागेश्वर यादव ने छोड़ा चप्पल
बिरहोर समाज का जीवन :समाज से दूर, घने जंगल में, पेड़ों पर अपना जीवन बसर करने वाले बिरहोर जनजाति को अविभाजित मध्य प्रदेश के शासन काल में सरकार ने समाज की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए, बस्तियों में बसाया था. लेकिन वन जीवन के आदि हो चुके बिरहोर आदिवासी समाज में नहीं घुल मिल सके. लिहाजा विकास की दौड़ में पिछड़ते चले गए.बिरहोर भाई के नाम से मशहूर जागेश्वर राम ने इन्हीं बिरहोर जनजाति के विकास के लिए जीवन समर्पित किया.
जागेश्वर यादव ने बिरहोर समुदाय का जीता विश्वास :बिरहोर लोगों से घुलने मिलने के लिए जागेश्वर राम ने चप्पल त्याग दिया . उनके जैसे ही जमीन में सोने लगे. कपड़े भी बेहद साधारण पहनते हैं.सालों के लगातार प्रयास के बाद, बिरहोर जाति का विश्वास हासिल करने के बाद जागेश्वर राम ने इनकी शिक्षा और स्वास्थ्य पर काम करना शुरू किया. लगातार प्रयास के बाद अब बिरहोरों के ना केवल शिक्षा स्तर में सुधार आया है,बल्कि स्वास्थ्य कें प्रति भी जागरुक हुए हैं.
विष्णुदेव साय के साथ मिलकर किया काम :जागेश्वर राम के मुताबिक मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के रायगढ़ लोकसभा क्षेत्र के सांसद रहते हुए उन्होंने मिलकर पहाड़ी कोरवा और बिरहोर जनजाति के विकास के लिए काम किया. उनके विशेष प्रयास से रायगढ़ जिले के धरमजयगढ़ और जशपुर के भीतरघरा मे बिरहोर आश्रम की शुरुआत हुई थी. इसके साथ ही बिरहोर परिवारों के लिए खाट की व्यवस्था भी की गईं थी. मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने अब बिरहोर और पहाड़ी कोरवा जनजाति के परिवारों के लिए पक्के मकान बनाने के लिए प्राथमिकता से काम करना शुरू किया है.
बिरहोर के भाई नाम से प्रसिद्ध हैं जागेश्वर यादव : जागेश्वर यादव जशपुर के आदिवासी कल्याण कार्यकर्ता हैं. जिन्होंने बिरहोर समुदाय के उत्थान के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया. उन्होंने बिरहोर और पहाड़ी कोरवा लोग जशपुर में आश्रम की स्थापना की जिसके लिए काम किया है.जागेश्वर यादव को आदिवासियों के उत्थान के लिए समर्पित भाव से कार्य करने के लिए छत्तीसगढ़ शासन द्वारा शहीद वीर नारायण सिंह सम्मान भी प्रदान किया गया है.