कोरिया: कोरिया में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए झुमका बोट क्लब बनाया गया. पर्टयकों को यहां तक लाने और लुभाने के लिए करोड़ों खर्च किए गए. डीएफएफ के जरिए पैसा पानी की तरह बहाया गया. कोशिश थी कि पर्यटक यहां आएं और झुमका बोट क्लब कोरिया के पर्यटन स्थलों में जुड़े. पर लापरवाही और देख रेख के अभाव में झुमका बोट क्लब का हाल बेहाल है. 35 लाख की लागत से बना मछली वाला एक्वेरियम भी अपनी बदहाली की कहानी सुना रहा है.
झुमका बोट क्लब: कलेक्टर चंदन त्रिपाठी का कहना है कि झुमका बोट क्लब एक्वेरियम सहित बाकी सभी चीजों के देखरेख पर ध्यान दिया जाएगा. कलेक्टर ने कहा कि इसके लिए हम रणनीति बना रहे हैं. झुमका को पर्यटन प्वाइंट के रुप में विकसित करने की दिशा में लगातार काम कर रहे हैं. पर्यटकों को जल्द ही झुमका बेहतर स्थिति में मिलेगा.
भविष्य में झुमका को पर्यटन का प्रमुख केंद्र बनाने के लिए योजनाबद्ध तरीके से काम किया जाएगा. जल्द ही हम इसकी स्थिति में सुधार के लिए काम करेंगे - चंदन त्रिपाठी, कलेक्टर
कब हुआ था इसका निर्माण: झुमका बोट क्लब का निर्माण साल 2011 से 2012 के बीच हुआ. एसईसीएल प्रबंधन ने इसका निर्माण कराया. झुमका बोट क्लब पर बगीचा और झूले बनाए गए. साल 2016 में 35 लाख की लागत से डीएमएफ के जरिए यहां बड़ा एक्वेरियम बनाया गया. पर इन सभी बनाए गए सामानों पर कोई ध्यान नहीं दिया गया. नतीजा ये हुआ कि अब ये सामान कबाड़ बनते जा रहे हैं. कांग्रेस के शासन काल में भी बोट क्लब पर काफी पैसा खर्चा किया गया.
झुमका महोत्सव का आयोजन: बीजेपी की जब सरकार थी तो झुमका महोत्सव का आयोजन किया गया. सरकार की ओर से पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए पांच शिकारा बोट भी खरीदे गए. अब ये बोट सिर्फ शोपीस बनकर रह गए हैं.