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किस आदेश के तहत थानों में बने मंदिर, मध्य प्रदेश HC ने सरकार से मांगा जवाब - JABALPUR HIGH COURT

मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने मोहन यादव सरकार से जवाब मांगा है.कोर्ट ने पूछा है कि किस आदेश के तहत थानों में मंदिर बने हैं.

JABALPUR HIGH COURT
मध्य प्रदेश HC ने मोहन सरकार से मांगा जवाब (ETV Bharat)

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Dec 16, 2024, 9:38 PM IST

जबलपुर:मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में सोमवार को एक बार फिर थानों के भीतर बने धार्मिक स्थलों के निर्माण से जुड़ी याचिका पर सुनवाई हुई. इस मामले में याचिकाकर्ता एडवोकेट सतीश वर्मा ने बताया कि "हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से जवाब मांगा है कि सरकार बताए कि आखिर थानों में धार्मिक स्थल किस आदेश के तहत बन रहे हैं." जबलपुर हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैथ और जस्टिस विवेक जैन की डिवीजन बेंच ने मामले की सुनवाई की.

800 थानों में बनाए गए धार्मिक स्थल

मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका लगाई गई है. जिसमें एडवोकेट सतीश वर्मा ने आरोप लगाया है कि "मध्य प्रदेश के ज्यादातर थानों में भगवान के मंदिर बना दिए गए हैं. जो संविधान के मूल भावना के खिलाफ है. सतीश वर्मा ने अपनी दलील में कहा है कि किसी भी सरकारी दफ्तर में किसी एक धर्म विशेष का पूजा स्थल नहीं होना चाहिए. हमारे देश का कानून इसकी इजाजत नहीं देता, लेकिन इसके बावजूद ज्यादातर थानों में मंदिर बनाए गए हैं. सतीश वर्मा ने आरोप लगाया है कि मध्य प्रदेश में लगभग 1259 थाने हैं. इनमें से लगभग 800 थानों में धार्मिक स्थल बनाए गए हैं.

याचिकाकर्ता का बयान (ETV Bharat)

थानों में अनुष्ठान होने से पुलिस का काम होता है प्रभावित

एडवोकेट सतीश वर्मा की लगाई याचिका पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने सख्त रुख अपनाया. हाई कोर्ट ने राज्य सरकार से जवाब मांगा है कि अब राज्य सरकार यह बताए कि थानों के भीतर यह धार्मिक स्थल कब-कब बनाए गए. दरअसल, सतीश वर्मा ने अपनी याचिका में कहा है कि प्रदेश में कई नए थाने बनाए गए हैं और थानों के साथ नए धार्मिक स्थल भी बना दिए गए हैं. जिसके चलते थानों में बने मंदिरों और धार्मिक स्थलों पर आए दिन कई तरह के अनुष्ठान भी किए जाते हैं, जिससे पुलिस का काम भी प्रभावित होता है.

हाई कोर्ट ने मध्य प्रदेश सरकार से मांगा जवाब

सुनवाई में हाई कोर्ट ने राज्य सरकार से इस बात का भी जवाब मांगा है कि थानों में यह धार्मिक स्थल किस आदेश के तहत बनाए जा रहे हैं. इस मामले में मध्य प्रदेश हाई कोर्ट बार एसोसिएशन ने भी आवेदन दाखिल किया था कि इस मामले में उन्हें भी पार्टी बनाया जाए. वह भी अपना पक्ष रखना चाहते हैं, लेकिन हाई कोर्ट ने किसी को नहीं सुना और राज्य सरकार से इस मामले में जवाब मांगा है. अगली सुनवाई 6 जनवरी महीने के लिए तय की गई है. जिसमें राज्य सरकार का गृह विभाग इन सब बिंदुओं पर जानकारी देगा.

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