इंदौर।इंदौर सांसद शंकर लालवानी कथित वर्ल्ड रिकॉर्ड देने वाली संस्था के अवार्ड के मामले में कठघरे में हैं. दरअसल, खुद को लंदन की वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड देने वाली एक संस्था ने सांसद शंकर लालवानी को देश में सर्वाधिक मतों से चुनाव जीतने पर लंदन में पुरस्कृत करने का पत्र जारी किया. इस पत्र में संस्था ने दावा किया कि 16 जुलाई को शाम 6:30 बजे लंदन पार्लियामेंट के हाउस ऑफ कॉमंस स्थित चर्चिल रूम परिसर में सांसद शंकर लालवानी को रिकॉर्ड 11 लाख 75 हजार मतों से जीतने पर सम्मानित करने का भव्य कार्यक्रम है.
सांसद ने फर्जी सम्मान पत्र का आमंत्रण सोशल मीडिया पर पोस्ट किया
ये भी बताया गया कि इस सम्मान समारोह के दौरान डिनर में दुनियाभर के प्रबुद्ध नागरिक शामिल होंगे. इस संस्था द्वारा खुद का कार्यालय लंदन में दर्शाया और बाकायदा सम्मान का पत्र भी सांसद को जारी कर दिया. खास बात यह है कि सांसद शंकर लालवानी ने भी बिना ब्रिटिश संसद और ब्रिटिश दूतावास से इस तरह के पत्र या सम्मान की पुष्टि किए बिना ही अपने सोशल मीडिया हैंडल पर ब्रिटेन की संसद हाउस ऑफ कॉमन में खुद को सम्मानित करने का बाकायदा सर्टिफिकेट भी जारी कर दिया. इस बीच इस मामले की पड़ताल की गई तो पता चला यह संस्था लंदन की नहीं बल्कि इंदौर के परदेशीपुरा से संचालित है.
इंदौर की संस्था बांटती है वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड
बता दें कि इस संस्था ने लोगों को वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड से सम्मानित करने के लिए कार्यालय खोल रखा है. अब हकीकत पता चली कि ना तो सांसद लालवानी पुरस्कार लेने लंदन गए और ना ही ऐसा कोई कार्यक्रम लंदन के हाउस ऑफ कॉमंस में है. इस मामले में प्रदेश कांग्रेस महासचिव राकेश सिंह ने लंदन की संसद से इस मामले में ई-मेल के जरिए पड़ताल की तो सच सामने आ गया. लंदन के पार्लियामेंट हाउस के किसी भी अधिकारी को इस तरह के किसी आयोजन की कोई जानकारी नहीं है. लिहाजा इस फर्जीवाडे को संज्ञान में लेते हुए लंदन की हाउस ऑफ कॉमंस ने जांच शुरू कर दी है.