नई दिल्ली: इंडियन रेलवे ने नकली या छेड़छाड़ किए गए अनारक्षित टिकटों का पता लगाने के लिए एक ऐप विकसित किया है. इस सॉफ्टवेयर की मदद से टीटीई कर्मचारी इस तरह के टिकटों की तुरंत पहचान कर सकेंगे.
सेंटर फॉर रेलवे इंफॉर्मेशन सिस्टम्स (CRIS) के एक पत्र के अनुसार, उसने अनारक्षित टिकटिंग सिस्टम (UTS) टिकटों के लाइव सत्यापन के लिए TTE Android ऐप विकसित किया है. ऐप में UTS टिकटों की संख्या फीड करने और UTS सर्वर से विवरण सत्यापित करने का विकल्प उपलब्ध है और इस विकल्प का उपयोग करके सभी बिक्री बिंदुओं के माध्यम से जारी टिकटों को सिस्टम से सत्यापित किया जा सकता है.
TTE ऐप के जरिये पेपर टिकट (थर्मल स्टेशनरी) पर मुद्रित एन्क्रिप्टेड QR कोड को भी स्कैन कर सकते हैं और टिकट पर मुद्रित विवरण के साथ इसे मान्य कर सकते हैं. पत्र में कहा गया है कि QR कोड को स्कैन करने के बाद, TTE सर्वर से टिकट विवरण सत्यापित करने के लिए 'चेक विद सर्वर' विकल्प पर क्लिक कर सकते हैं.
टीटीई ऐप का अपडेटेड वर्जन पहले ही सभी जोनल रेलवे के कंसोल के साथ साझा किया जा चुका है ताकि UTS टिकटों के ऑनलाइन सत्यापन के लिए सभी TTE और TC के साथ साझा किया जा सके. पत्र में कहा गया है कि इसे एंड्रॉयड डिवाइस में इंस्टॉल किया जा सकता है.
रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि विभिन्न स्टेशनों पर नकली या छेड़छाड़ किए गए टिकटों की लगातार शिकायतें मिलने के बाद यह कदम उठाया गया है, जिससे रेलवे के खजाने को हर साल लाखों रुपये का नुकसान हो रहा है.