भारतीय वायुसेना ने किया सफल परीक्षण. (video source: Indian Air Force) Indian Air Force successfully lands portable hospital Bhishma: आगरा-भारतीय वायुसेना ने मंगलवार को मलपुरा ड्राॅपिंग जोन में पोर्टेबल अस्पताल भीष्म (भारत हेल्थ इनिशिएटिव फॉर सहयोग, हित एंड मैत्री) को 1000 फुट की ऊंचाई से गिराकर जमीन पर सफल उतारने का परीक्षण किया. वायुसेना के एएन-32 विमान से पैराशूट की मदद से करीब 720 किलो वजन के पोर्टेबल अस्पताल भीष्म को जमीन पर उतारा गया. ये परीक्षण पूरी तरह से सफल रहा. अब किसी भी दुर्गम स्थान या प्राकृतिक आपदा में अस्पताल भीष्म को विमान या हेलिकॉप्टर से उतारकर महज 8 मिनट में इलाज उपलब्ध कराया जा सकता है. इसे लद्दाख और कारगिल जैसे मोर्चे के लिए बेहद अहम माना जा रहा है.
भारतीय वायुसेना का परीक्षण सफल. (photo source: Indian Air Force) बता दें कि, भारतीय वायुसेना ने विमान एएन-32 से पैरा कमांडो की जगह भीष्म पोर्टेबल अस्पताल को लेकर मलपुरा ड्राॅपिंग जोन पहुंचा. करीब 1000 फीट की ऊंचाई पर पर एएन-32 से हवा में पैराशूट की मदद से करीब 720 किलो वजनी पोर्टेबल अस्पताल भीष्म को गिराया गया. एडीआरडीई आगरा के डिजाइन किए पैराशूट से जब पोर्टेबल अस्पताल भीष्म पर आया तो वायुसेना और अन्य विभाग के अधिकारी खुशी से झूम उठे. तालियों की गड़गाड़हट सुनाई देने लगी. वायुसेना ने पोर्टेबल अस्पताल भीष्म को दो पैराशूट की मदद से आसानी से मलपुरा ड्रॉपिंग जोन पर उतारकर नया एक इतिहास बनाया गया. प्रोजेक्ट भीष्म के तहत स्वदेशी पोर्टेबल अस्पताल अब देश के किसी भी दुर्गम स्थान या आपदा के दौरान आसमान से जमीन पर उतारा जा सकेगा. ये पोर्टेबल अस्पताल भीष्म मजबूत, वाटरप्रूफ होने के साथ ही सोलर एनर्जी और बैटरी से संचालित होता है. भारतीय वायुसेना का परीक्षण सफल. (photo source: Indian Air Force) अस्पताल भीष्म में ऑपरेशन थियेटर और वेंटिलेटर भी है स्वदेशी भीष्म पोर्टेबल अस्पताल को 36 क्यूब्स में तैयार किया गया है. एक अस्पताल भीष्म बनाने में 1.50 करोड़ रुपये की लागत आती है. इसमें एक्स-रे मशीन, ब्ल्ड की जांच, ऑपरेशन थियेटर, वेंटिलेटर की सुविधा है. अस्पताल भीष्म में महज 8 मिनट में इलाज शुरू किया जा सकता है. भारतीय वायुसेना. (photo source: Indian Air Force) ये सुविधा बेहद खास है स्वदेशी पोर्टेबल अस्पताल भीष्म में वैसे तो कई बीमारियों का इलाज किया जा सकता है. मगर, इसमें गोली लगने, जलन, सिर, रीढ़ की हड्डी और छाती की चोटें, फ्रैक्चर और प्रमुख रक्तस्राव सहित चोटों के इलाज की बेहतरीन सुविधा है. अस्पताल भीष्म के सभी बॉक्स पर क्यूआर कोड है. जिस पर एक्सपाइरी डेट है. आपदा के दौरान आम लोग भी इन बॉक्स को खोलकर जरूरी दवाएं और उपचार ले सकते हैं. भारतीय वायुसेना. (photo source: Indian Air Force) 36 बॉक्स से तैयार होगा अस्पताल भीष्म दरअसल, आगरा की मलपुरा ड्रॉपिंग जोन में जिस क्यूब को उतारा गया. वो लोहे के तीन फ्रेम और 36 बॉक्स हैं. इनमें ही अस्पताल भीष्म का पूरा सामान है. इसके हर फ्रेम के बीच छोटा जनरेटर है. दो स्ट्रेचर हैं. जो ऑपरेशन थियेटर में बैड के रूप में उपयोग किए जा सकते हैं. मॉड्यूलर सेट अप के साथ इन बॉक्स में दवाएं, उपकरण, खाद्य सामग्री भी रहेगी.अयोध्या और जी-20 शिखर सम्मेलन चर्चा में रहा वायुसेना के मुताबिक, अस्पताल भीष्म की यूनिट अयोध्या में श्रीराम लला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में भी लगाई गई थी. जहां पर डॉक्टरों की टीम को भी तैनात की गई थी. इसके साथ ही सितंबर 2023 में दिल्ली के प्रगति मैदान में आयोजित जी-20 शिखर सम्मेलन में पोर्टेबल अस्पताल भीष्म चर्चा का विषय रहा था.ये भी पढ़ेंः पीएम मोदी के पास न कोई घर-कार न शेयर, 2.67 लाख की सोने की अंगूठी पहनते, जमीन कर चुके दान; तनख्वाह-बैंक ब्याज आय के स्त्रोत