नई दिल्ली: भारत के विमानन क्षेत्र को महत्वपूर्ण बढ़ावा देते हुए, सरकार ने देश भर में हवाई अड्डों के निर्माण और पुनरुद्धार के लिए 92 हजार करोड़ रुपये से अधिक के निवेश की योजना की घोषणा की है. विमानन मंत्री राम मोहन नायडू द्वारा बताई गई यह पहल, बुनियादी ढांचे को बढ़ाने और भारत में हवाई यात्रा की बढ़ती मांग को पूरा करने की व्यापक रणनीति का हिस्सा है, जिसमें 2030 तक लगभग 300 मिलियन घरेलू यात्री होने की उम्मीद है.
बुनियादी ढांचे में एक रणनीतिक निवेश
नियोजित निवेश का उद्देश्य मौजूदा सुविधाओं को उन्नत करना और नए हवाई अड्डों का निर्माण करना है, जो बढ़ते यात्री यातायात के मद्देनजर बेहतर बुनियादी ढांचे की तत्काल आवश्यकता को पूरा करता है. भारतीय विमानन बाजार के तेजी से विस्तार के साथ, सरकार मानती है कि हवाई यात्रा में प्रत्याशित उछाल को समायोजित करने के लिए आधुनिक और कुशल हवाई अड्डा सुविधाएं आवश्यक हैं.
मंत्री नायडू ने जोर देकर कहा कि, यह निवेश न केवल यात्रियों के अनुभव को बेहतर बनाएगा बल्कि रोजगार पैदा करके और कनेक्टिविटी बढ़ाकर स्थानीय अर्थव्यवस्थाओं को भी बढ़ावा देगा. उन्होंने कहा, "हमारा ध्यान विश्व स्तरीय सुविधाएं प्रदान करने पर है ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि हवाई यात्रा आम आदमी के लिए अधिक सुलभ हो." उन्होंने आगे कहा कि, भारत के विमानन क्षेत्र ने हाल के वर्षों में उल्लेखनीय वृद्धि देखी है, जिसमें हवाई यात्रा का विकल्प चुनने वाले यात्रियों की संख्या में वृद्धि हुई है. देश का लक्ष्य दशक के अंत तक अनुमानित 300 मिलियन घरेलू यात्रियों को सेवा प्रदान करना है, जो कि वर्तमान आँकड़ों से अधिक है जो पहले से ही महामारी के बाद एक मजबूत रिकवरी को दर्शाते हैं.