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यूपी से राजस्थान और एमपी तक चीतों का साम्राज्य, 3 राज्यों में देश का सबसे बड़ा चीता कॉरिडोर - Cheetah Corridor NTCA Report

मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में अफ्रीका से चीतों को आए हुए 2 साल पूरे हो गए हैं. चीता प्रोजेक्ट की सफलता के बाद केंद्र सरकार ने एक खास कॉरिडोर बनाने का फैसला किया है. श्योपुर के कूनो नेशनल पार्क से लेकर उत्तर प्रदेश और राजस्थान तक चीता कॉरिडोर बनने जा रहा है. दरअसल कूनो से चीता भागकर राजस्थान बॉर्डर में प्रवेश कर जाते हैं, इसलिए चीतों की सुरक्षा के लिए कॉरिडोर बनाने का फैसला किया है.

GANDHI SAGAR CHEETAH CORRIDOR
गांधी सागर अभ्यारण चीतों का नया घर (ETV Bharat Graphics)

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Sep 20, 2024, 3:38 PM IST

Updated : Sep 20, 2024, 3:50 PM IST

भोपाल: चीता प्रोजेक्ट के तहत मध्यप्रदेश के कूनो में बसाए गए चीतों के संरक्षण के लिए केन्द्र की मोदी सरकार ने अगले 25 सालों की प्लानिंग की है. कूनो नेशनल पार्क के बाद मध्यप्रदेश के गांधी सागर में चीतों का नया घर लगभग तैयार हो चुका है. लेकिन इसके आगे केन्द्र सरकार ने तीन राज्यों के 17 जिलों को मिलाकर एक बड़ा चीता संरक्षण क्षेत्र विकसित करने की तैयारी की है. इस दिशा में केन्द्र सरकार ने काम भी शुरू कर दिया है. चीता प्रोजेक्ट के दो साल पूरे होने के मौके पर नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी द्वारा जारी साल 2023-2024 की अपनी एनुअल रिपोर्ट में इसका खुलासा किया है.

बनेगा देश का सबसे बड़ा चीता कॉरिडोर
रिपोर्ट में चीता प्रोजेक्ट की अगले 25 सालों की प्लानिंग का खुलासा किया गया है. रिपोर्ट में बताया गया है कि चीता सिर्फ कूनो तक ही सीमित होकर नहीं रहेंगे, बल्कि चीता कॉरिडोर बनाया जा रहा है, जो देश का सबसे बड़ा कॉरिडोर होगा. यह कॉरिडोर श्योपुर के कूनो नेशनल पार्क से राजस्थान के मुकंदरा टाइगर रिजर्व से होते हुए मंदसौर के गांधी सागर सेंचुरी तक फैला होगा. इस कॉरिडोर में मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के कुल 17 जिलों का वन्य क्षेत्र आएगा. मध्यप्रदेश की गांधी सागर सेंचुरी चीतों के लिए लगभग बनकर तैयार हो चुकी है. अब इसमें सिर्फ चीतों के आने का इंतजार है. बताया जा रहा है कि इस साल के अंतर तक गांधी सागर सेंचुरी में चीते पहुंच जाएंगे, यहां फिलहाल 8 चीते रखे जाएंगे.

तीन राज्यों के बीच बनेगा चीता कॉरिडोर (ETV Bharat)

यह जिले होंगे कॉरिडोर में शामिल
चीता संरक्षण क्षेत्र में मध्यप्रदेश, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के कुल 17 जिलों का वन्य क्षेत्र शामिल होगा. मध्यप्रदेश के श्योपुर, शिवपुरी, ग्वालियर, मुरैना, अशोकनगर, गुना, नीमच, मंदसौर जिले शामिल होंगे. इसके अलावा राजस्थान के सवाई माधोपुर, बारां, कोटा, करौली, झालावाड़, बूंदी और चित्तौड़ढ़ जिलों का वन्य क्षेत्र इस कॉरिडोर का हिस्सा होगा. वहीं उत्तर प्रदेश के झांसी और ललितपुर का वन्य क्षेत्र में इस परिक्षेत्र में आएगा.

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कूनो से गांधी सागर के बीच कॉरिडोर का काम शुरू
इस मेगा चीता कॉरिडोर के तहत काम शुरू हो गया है. मध्यप्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में श्योपुर और शिवपुरी का 54 हजार 249 हेक्टेयर वन क्षेत्र भी जोड़ा जा रहा है. जल्द ही इसका नोटिफिकेशन जारी होने जा रही है. इसके बाद कूनो से गांधी सागर के बीच चीता कॉरिडोर के विकास का काम भी शुरू होगा. अगले 5 साल में कूनो से गांधी सागर के बीच कॉरिडोर का काम शुरू हो जाएगा. यहां 64 वर्ग किलो मीटर में विशाल शिकार रोधी बाड़े तैयार किए गए हैं.

कूनो के चीते ही दिखा चुके कॉरिडोर की राह
दरअसल कूनो नेशनल पार्क में लाए गए चीतों ने ही कॉरिडोर की राह दिखाई है. कूनो के चीते कई बार कूनो की सरहद लांघ का राजस्थान की सीमा तक पहुंच चुके हैं. इसी तरह वे उत्तर प्रदेश की सीमा तक भी जा चुके हैं. बाद में इन्हें ट्रेक्युलाइज कर वापस लाया गया था.

Last Updated : Sep 20, 2024, 3:50 PM IST

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