नई दिल्ली :बांग्लादेश के विदेश मंत्री हसन महमूद ने बृहस्पतिवार को कहा कि म्यांमा के साथ अपनी सीमा पर बाड़ लगाने के भारत के फैसले से इस देश के साथ ही क्षेत्र को अशांत देश से भड़क रहे उग्रवाद के मद्देनजर मदद मिलेगी. उन्होंने यह भी कहा कि बांग्लादेश आतंकवाद को कतई बर्दाश्त नहीं करने की अपनी नीति पर अडिग है. विचारक संस्था 'विवेकानंद इंटरनेशनल फाउंडेशन' (वीआईएफ) में एक परिचर्चा सत्र के दौरान महमूद ने करीब 12 लाख 'जबरन विस्थापित' रोहिंग्या शरणार्थियों को बांग्लादेश पर 'बोझ' बताया और म्यांमा में उनकी वापसी के लिए भारत से सहायता मांगी.
भारत की यात्रा पर आए महमूद ने कहा कि शरणार्थी बांग्लादेश के लिए अन्य कठिनाइयों के अलावा पर्यावरण और सुरक्षा समस्याएं भी पैदा कर रहे हैं और बांग्लादेश की शेख हसीना सरकार शरणार्थियों के प्रवाह को रोकने के लिए संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी उच्चायुक्त (यूएनएचसीआर) के संपर्क में है. बांग्लादेश में हाल के संसदीय चुनावों की निष्पक्षता पर सवालों के जवाब में महमूद ने कहा कि यह देश के इतिहास में सबसे जीवंत, भागीदारीपूर्ण और निष्पक्ष चुनाव था. पाकिस्तान से बांग्लादेश की मुक्ति में नई दिल्ली की ऐतिहासिक भूमिका का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि भारत सरकार स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने में हमारे साथ खड़ी रही, जैसे वह 1971 में हमारे साथ खड़ी थी.'
बता दें, पिछले महीने संसदीय चुनावों में प्रचंड जीत के बाद हसीना के पांचवें कार्यकाल के लिए सत्ता में आने के बाद महमूद अपनी पहली द्विपक्षीय विदेश यात्रा के तहत मंगलवार से भारत की चार दिवसीय यात्रा पर हैं.