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High Court: श्रीकृष्ण जन्मभूमि केस में मुस्लिम पक्ष ने दो घंटे तक रखीं दलीलें, खत्म नहीं हुई बहस, जानिए अब अगली सुनवाई कब होगी - shri krishna janmabhoomi case

मथुरा की श्रीकृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह मस्जिद मामले में हाईकोर्ट ने सुनवाई की अगली तारीख 20 मार्च तय की है.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Mar 14, 2024, 6:45 AM IST

प्रयागराजःमथुरा की श्रीकृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह मस्जिद के बीच जमीन विवाद मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट में दाखिल मुकदमों की पोषणीयता को लेकर चल रही सुनवाई बुधवार को भी पूरी नहीं हो सकी. कोर्ट इस मामले में अब 20 मार्च को फिर से सुनवाई करेगी.

बुधवार को सुनवाई में भी मुस्लिम पक्ष की तरफ से करीब दो घंटे तक दलीलें पेश की गईं. हालांकि पांचवें दिन भी मुस्लिम पक्ष अपनी बहस खत्म नहीं कर सका. मुस्लिम पक्ष की तरफ से आज भी चार प्रमुख बिंदुओं पर दलीलें पेश की गईं. न्यायमूर्ति मयंक कुमार जैन के समक्ष सुनवाई में मुस्लिम पक्ष की तरफ से सुप्रीम कोर्ट की अधिवक्ता तसनीम अहमदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से बहस में मुकदमों की पोषणीयता को लेकर कहा कि मथुरा मामले को लेकर दाखिल मुकदमे 1991 के प्लेसेस ऑफ वर्शिप एक्ट से बाधित हैं.

इस एक्ट से बाधित होने के कारण मुकदमों की सुनवाई नहीं हो सकती. लिमिटेशन एक्ट को लेकर उन्होंने कहा कि मंदिर पक्ष और शाही ईदगाह मस्जिद के बीच 1968 में समझौता हो चुका है. समझौते के तहत ही शाही ईदगाह मस्जिद को 13.37 एकड़ जमीन मिली है. इस समझौते की डिक्री भी 1973 में मथुरा की अदालत में हो चुकी है. नियम के मुताबिक समझौते और डिक्री को तीन साल के भीतर चुनौती दी जा सकती थी. ऐसे में 50 साल बाद अब मुकदमा दाखिल करने की कोई कानूनी वैधानिकता नहीं है. यह भी कहा गया कि शाही ईदगाह मस्जिद वक्फ संपत्ति है. वक्फ संपत्ति होने के कारण यह मामला वक्फ ट्रिब्युनल में ही चल सकता है. उन्होंने यह भी कहा कि हिंदू पक्ष के पास विवादित जमीन का कब्जा नहीं है इसलिए यह मामला स्पेसिफिक रिलीफ एक्ट से भी बाधित है.

मथुरा के मंदिर में मस्जिद विवाद को लेकर दाखिल किए गए डेढ़ दर्जन मुकदमों की सुनवाई अयोध्या विवाद की तर्ज पर इलाहाबाद हाईकोर्ट में सीधे तौर पर हो रही है. मथुरा विवाद से जुड़े जिन 18 मुकदमों में हाईकोर्ट में सुनवाई चल रही है, उनमें से दो मामलों में अब तक आपत्ति दाखिल नहीं की गई है. कोर्ट ने आपत्ति दाखिल करने के लिए तीन दिन का समय दिया है.

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