रांची: देश भर में लोग बहुत ही चाव से गोलगप्पे या पानी पुरी खाते हैं. इस गोलगप्पे की जांच में जो रिपोर्ट आई है उससे लोगों को होश उड़ सकते हैं. ये ना सिर्फ हानिकारक हैं बल्कि बेहद खतरनाक और जानलेवा भी साबित हो सकते हैं. कई मामलों में इस तरह के गोलगप्पे खाने से कैंसर तक का खतरा रहता है.
अक्टूबर महीने में गढ़वा के फूड सेफ्टी अधिकारी ने रांची के नामकुम स्थित स्टेट फूड टेस्टिंग लेबोरेटरी को गोलगप्पा या पानी पुरी में इस्तेमाल होने वाले पानी का एक सैंपल जांच के लिए भेजा था. उस सैंपल की जो रिपोर्ट आई है वह चौकानें वाली है.
कारखाने में इस्तेमाल होने वाला हाइड्रोक्लोरिक एसिड
गढ़वा से जांच के लिए आए गोलगप्पे के साथ इस्तेमाल होने वाले पानी के सैंपल की जांच में पाया गया कि पानी को खट्टा बनाने के लिए उसमें इमली या नींबू का अम्ल जिसे हम साइट्रिक एसिड या टाइट्रिक एसिड के नाम से जानते हैं वह नहीं था, बल्कि कारखानों में इस्तेमाल होने वाला हाइड्रोक्लोरिक एसिड का इस्तेमाल किया गया था. स्टेट फूड टेस्टिंग लेबोरेटरी के फूड एनालिस्ट चतुर्भुज मीणा ने ईटीवी भारत से एक्सक्लूसिव बातचीत में बताया कि कारखाने में इस्तेमाल होने वाली
हाइड्रोक्लोरिक एसिड दांत से लेकर आंत तक के लिए खतरनाक होता है. उन्होंने कहा कि जांच पूरी होने के बाद रिपोर्ट गढ़वा के फूड सेफ्टी ऑफिसर को भेजी जा रही है ताकि वह विधि अनुसार कार्रवाई कर सकें.
टॉयलेट क्लीनर में होता है कारखाने में इस्तेमाल होने वाला हाइड्रोक्लोरिक एसिड का इस्तेमाल