अमरावती : आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वाईएस जगन रेड्डी के करीबी सहयोगियों में शामिल पूर्व मंत्री पेद्दिरेड्डी रामचंद्र रेड्डी पर अनियमितता के गंभीर आरोप लगे हैं. जगन कैबिनेट में उन्हें सबसे शक्तिशाली मंत्री माना जाता था.
राज्य सरकार की विजिलेंस शाखा ने पेद्दिरेड्डी से जुड़े कई तथ्यों की पड़ताल की और अपनी रिपोर्ट में उन पर गंभीर सवाल भी उठाए हैं. उन पर जमीन हड़पने का आरोप लगा है.
विजिलेंस डिपार्टमेंट की रिपोर्ट के अनुसार पेद्दिरेड्डी ने आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले के पुलिचेरला मंडल में मंगलमपेट संरक्षित वन क्षेत्र में 104 एकड़ जमीन हड़प ली और वहां पर एक बड़ा फार्म बनवाया. आश्चर्य तो ये है कि रिकॉर्ड में मात्र 23.69 एकड़ जमीन ही दर्शाया गया है. इसका सर्वे नंबर 295 और 296 है.
विजिलेंस डिपार्टमेंट ने इन्वेस्टिगेशन के दौरान इस तथ्य की पुष्टि की है कि पूर्व मंत्री पेद्दिरेड्डी ने अपना फार्म 104 एकड़ तक विस्तृत कर लिया. इसका मतलब यह हुआ कि उन्होंने 77.54 एकड़ अतिरिक्त जमीन पर कब्जा कर लिया.
पेद्दिरेड्डी यहीं नहीं रुके, उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए 104 एकड़ जमीन की घेराबंदी भी कर ली. यह भी नियम विरुद्ध है. राज्य सरकार के पैसे से उन्होंने अपने फार्म तक सड़क का निर्माण करवाया.
ईनाडु अखबार ने सभी साक्ष्यों और सबूतों के साथ 29 जनवरी, 2025 को अपने विशेष खुलासे में पूर्व मंत्री के कृत्यों को प्रकाशित किया था.
हालांकि, इस रिपोर्ट के बाद पूर्व मंत्री ने दावा किया कि उन्होंने अपनी गाढ़ी कमाई से यह जमीन हासिल की है. उन्होंने यह भी कहा कि सर्वे नंबर 295 और 296 के अनुसार जमीन 75.74 एकड़ है और लैंड सेटलमेंट डायरेक्टर ने खुद इसे प्रोनाउंस किया था. उन्होंने यह भी कहा कि 1968 के फॉरेस्ट गजट में भी यही उल्लिखित है.
आंध्र प्रदेश विजिलेंस डिपार्टमेंट ने इस संबंध में सात साक्ष्यों को सामने रखा है. विजिलेंस ऑफिसर ने राजस्व विभाग की वेबसाइट की डिजिटल हिस्ट्री, आरओआर, एनकंबरेंस प्रमाणपत्र, पंजीकृत सेल डीड्स, म्यूटेशन हिस्ट्री, ड्रोन से ली गई तस्वीरें और गूगल अर्थ टाइमलाइन फोटो का अध्ययन किया. उन्होंने फील्ड रिसर्च भी किया. राज्य सरकार की वेबलैंड वेबसाइट पर इस जमीन सीमा 77.54 एकड़ बताई गई है. भूमि के 10-1 अदंगल की सीमा 86.65 एकड़ बताई गई. जबकि कुल 104 एकड़ भूमि की घेराबंदी की गई है.
सतर्कता विभाग की ओर से पेश किए गए सात सबूत
साक्ष्य नं -1 - चुनावी शपथ पत्र में झूठी जानकारी
अपने चुनावी हलफनामे में पेद्दिरेड्डी और उनके बेटे मिथुन रेड्डी ने कहा है कि उनके पास उक्त गांव की सीमा में सर्वेक्षण संख्या 295 और 296 में 75.74 एकड़ जमीन है. 1905 से 1920 के बीच किए गए भूमि सर्वेक्षण के अनुसार, सर्वेक्षण संख्या 295 में भूमि का विस्तार 17.69 एकड़ था और सर्वेक्षण संख्या 296 में भूमि का विस्तार छह एकड़ था. दोनों को मिलाकर यह 23.69 एकड़ बैठता है. मूल सरकारी रिकॉर्ड में भूमि को ड्राई लैंड बताया गया है.
साक्ष्य-2 - सेल डीड
पाकाला सब-रजिस्ट्रार कार्यालय में पंजीकृत सेल डीड में 45.80 एकड़ भूमि अंकित है. जबकि सर्वेक्षण संख्या 295 और 296 में मौजूद भूमि की वास्तविक सीमा 23.69 एकड़ थी. पेद्दिरेड्डी और उनके परिवार ने उक्त सर्वेक्षण संख्या में भूमि की सीमा 45.80 एकड़ का उल्लेख करते हुए एक सेल डीड रजिस्टर्ड करवाया. यह दिखाया गया कि दो सर्वेक्षण संख्याएं सब डिविजन के अधीन थीं, जिसके परिणामस्वरूप सर्वेक्षण संख्याओं में भूमि शामिल हो गई.
पंजीकृत दस्तावेज़ संख्या 2346/2000 के अनुसार, पेद्दिरेड्डी लक्ष्मी देवी ने 29 दिसंबर, 2000 को देसिरेड्डी मंगम्मा से सर्वेक्षण संख्या 295/1ए में स्थित 15 एकड़ जमीन खरीदी.
पंजीकृत दस्तावेज़ संख्या 2347/2000 के अनुसार, पेद्दिरेड्डी इंदिरम्मा ने 29 दिसंबर, वर्ष 2000 को देसिरेड्डी श्रीरामुलु रेड्डी से 10.80 एकड़ जमीन खरीदी.
पेद्दिरेड्डी मिथुन रेड्डी ने 1 जनवरी 2001 को देसिरेड्डी चेंगा रेड्डी से सर्वे नंबर 295/1सी में स्थित 10 एकड़ जमीन खरीदी. इसे सेल डीड नंबर 2/ 2001 के माध्यम से पंजीकृत किया गया था. जबकि मूल रूप से सर्वे नंबर 295 में केवल 17.69 एकड़ जमीन थी, पेद्दिरेड्डी और उनके परिवार ने उसी नंबर से 36.69 एकड़ जमीन हासिल कर ली. यानी उसी सर्वे नंबर में 19 एकड़ जमीन अतिरिक्त दिखा दी गई.